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जब ललन सिंह और नीतीश के मंत्रियों को बड़हिया के लोगों ने भरी सभा में पूछा – कब पूरा करेंगे कपिलदेव बाबू का सपना

जब ललन सिंह और नीतीश के मंत्रियों को बड़हिया के लोगों ने भरी सभा में पूछा – कब पूरा करेंगे कपिलदेव बाबू का सपना

लखीसराय. समाजवादी चिंतक कपिलदेव सिंह की 100वीं जयंती पर रविवार को उनकी जन्मस्थली बड़हिया में समाजवादी समागम का आयोजन हुआ. समागम में मौजूद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, बिहार सरकार में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे और राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर आदि ने कपिलदेव सिंह का स्मरण किया. उन्हें समाजवादी विचारधारा के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बताया. 

हालांकि इस दौरान बड़हिया के लोगों ने ललन सिंह और अन्य नेताओं को उन वादों की याद दिलाई जिसे दशकों से पूरा नहीं किया गया है. दरअसल, बड़हिया के राजारानी ठाकुरबाड़ी का 22 बीघा जमीन कपिलदेव सिंह ने राज्यपाल को दान कराया था. इसका मकसद बड़हिया में कृषि महाविद्यालय की स्थापना करना था. लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हुआ. इसी को लेकर समागम के दौरान बड़हियावासियों ने नेताओं को इसकी याद दिलाई. इस पर मंच की ओर से आश्वासन दिया गया कि इस दिशा में भी कार्य किया जाएगा. वहीं कपिलदेव सिंह की पहल पर स्थापित बड़हिया महिला महाविद्यालय के विकास के लिए रामनाथ ठाकुर ने 50 लाख रुपए और ललन सिंह एवं संजय झा ने 25-25 लाख रुपए जारी करने की घोषणा की. 

इसके पूर्व सभी नेताओं ने कपिलदेव सिंह का स्मरण किया. ललन सिंह ने कहा कि वे बचपन से ही कपिलदेव का स्नेह पाते रहे. उनके पिता और कपिलदेव सिंह के मैत्रीपूर्ण संबंध रहे. साथ ही सन 74 के आंदोलन के बाद वे भी कपिलदेव से जुड़े और उनसे बहुत कुछ सीखा.  ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कपिलदेव सिंह की विचारधारा से प्रेरित रहे. 2005 में सीएम बनने के बाद उन्होंने  इसी कारण न्याय के साथ विकास का नारा देकर अपना कार्यकाल शुरू किया और आज तक उस दिशा में समाज के हर वर्ग की बेहतरी के लिए कार्य कर रहे हैं. 

रामनाथ ठाकुर ने अपने पिता कर्पूरी ठाकुर और कपिलदेव सिंह के मित्रवत संबधों को याद दिया. उनकी समाजवादी विचारधारा को समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए जरूरी बताया. वहीं विजय चौधरी और संजय झा ने भी अपने संस्मरण साझा किए.

वहीं, महिला महाविद्यालय के राम प्रवेश सिंह ने कहा कि यह लखीसराय का एक मात्र महिला महाविद्यालय है. लेकिन, इस वित्त रहित कॉलेज में पठन-पाठन व्यवस्था को संचालित करने की बेहद गंभीर चुनौती है. यहां इग्नू का सेंटर है. कॉलेज में 100 कम्प्यूटर धूल फांक रहे हैं. उन्होंने सभी नेताओं से कॉलेज के लिए बेहतर वित्त व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की. 


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