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आईना दिखाया तो 'बिलबिला' उठे BJP नेता, पत्रकार पर कर दिया मुकदमा, 10 पन्नों में लिखी तहरीर

 आईना दिखाया तो 'बिलबिला' उठे BJP नेता, पत्रकार पर कर दिया मुकदमा, 10 पन्नों में लिखी तहरीर

PATNA: एक पत्रकार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के संसदीय क्षेत्र में एंबुलेंस का सच दिखाना महंगा पड़ गया। रिपोर्टर ने अपने पत्रकारिता धर्म का निर्वहन करते हुए इस कोरोना महामारी में वही किया जो एक पत्रकार को करना चाहिए था। इसमें कोई शक नहीं की इस वैश्विक आपदा के सामने केंद्र सरकार  से लेकर बिहार सरकार तक पर्याप्त व्यवस्था जनता को मुहैया नहीं करा पाई। परिणाम यह हुआ कि दवा,ऑक्सीजन और एंबुलेंस के भारी अभाव में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। इसी सिलसिले में बक्सर में एक पत्रकार ने जब केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़े एंबुलेंस प्रकरण में जब मंत्री को आईना दिखाया तो माननीय गुस्से में लाल हो गये। पत्रकार ने एक नहीं बल्कि एंबुलेंस से जुड़ी कई खबरों को प्रकाशित किया। इस प्रकरण में स्थानीय सांसद की पूरी पोल-पट्टी खुल रही थी। भला बीजेपी नेता यह कैसे बर्दाश्त कर सकते थे। लिहाजा ईटीवी भारत के संवाददाता उमेश पांडेय पर एफआईआर दर्ज करा दी। ऐसे नेता आमलोगों के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे यह आसानी से समझा जा सकता है।  

आईना दिखाने पर बिलबिला उठे बीजेपी नेता

एफआईआर बीजेपी नेता और बक्सर विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी ने दर्ज कराई है. बक्सर के सदर थाना में उनपर 500, 506, 290, 420 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीजेपी नेता परशुराम चतुर्वेदी ने उमेश पांडेय पर धमकाने, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और बीजेपी की छवि धूमिल करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. 

ईटीवी के पत्रकार ने जो खबर लिखी वो इस प्रकार है।  

एंबुलेंस विवाद मामले में एक नया मोड़ तब आया जब पता चला कि चार बार उद्धाटन हुए एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ है. बक्सर के जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक ने कहा- 'बीएस-4 मॉडल की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2020 में ही रोक लगा दी है.' इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने जिला परिवहन पदाधिकारी से पूछा कि जब इस गाड़ी से कोई दुर्घटना होगी, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. इस पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले धनुष फाउंडेशन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होगा. उसके बाद उसके बयान के आधार पर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी. सड़क पर वह गाड़ी दिखेगी तो उसे जब्त भी किया जाएगा.इस खबर के चलने के दो दिन बाद ही 24 मई 2021 को बक्सर के जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक अपने बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि ''फिलहाल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है, क्योंकि सॉफ्टवेयर में उस तरह का प्रोविजन नहीं है. गाड़ियां अभी भी चल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग स्तर पर बात कर रहे हैं. बात करने के बाद दिशा-निर्देश के अनुसार काम किया जाएगा.'' 

जानिए एंबुलेंस विवाद
बता दें,ईटीवी भारत के संवाददाता ने 14 मई, 15 मई, 16 मई, 19 मई, 22 मई और 24 मई 2021 को सभी सबूतों के आधार पर एंबुलेंस विवाद की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. खबर में बताया गया था कि कैसे 5 पुराने एम्बुलेंस पर नए स्टिकर लगाकर एक बार नहीं चार बार उद्घाटन किया था. एंबुलेंस के पूर्व ड्राइवर सह 102 एंबुलेंस चालक के अध्यक्ष कृष्णा कुमार ने बताया कि सबसे पहले इस एम्बुलेंस का सदर अस्पताल में उदघाट्न किया गया था. दूसरी बार किला मैदान बक्सर में, तीसरी बार रामगढ़ और चौथी बार समाहरणालय सभागर से 6 में से 4 एम्बुलेंस को अलग-अलग विस के लिए रवाना किया गया था.




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