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विधायकों को 'जूते' से पीटने वाले अफसरों पर कब होगा एक्शन? राजद-कांग्रेस-माले ने पूछा- अब तो विस का मॉनसून सत्र आ गया

विधायकों को 'जूते' से पीटने वाले अफसरों पर कब होगा एक्शन? राजद-कांग्रेस-माले ने पूछा- अब तो विस का मॉनसून सत्र आ गया

PATNA: बिहार में 23 मार्च 2021 का दिन विधान सभा के इतिहास में काले दिन के रुप में दर्ज है। राजद सहित सभी विपक्षी विधायक सदन और सदन के बाहर भारी हंगामा और उत्‍पात मचा रहे थे। वे बिहार सशस्‍त्र पुलिस विधेयक 2021 का विरोध कर रहे थे। विधायकों ने सदन की कार्यवाही रोकने के लिए स्‍पीकर को उनके चैंबर में ही बंधक बना लिया। इसके बाद पटना डीएम और एसएसपी सहित भारी संख्‍या में पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी। फिर पुलिस ने विधायकों को खींच-खींचकर हटाया। कई विपक्षी विधायकों को मुक्‍का मार सदन से बाहर फेंका गया। सदन की कार्यवाही चलाने में बाधक बने विधायकों को टांग-टांग कर बाहर फेका गया। बाहरी पुलिस की सदन के अंदर इंट्री हुई तब जाकर बिहार सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 को पास कराया जा सका। तब स्‍पीकर ने कहा था कि सदन में तोड़-फोड़ और हंगामा करनेवालों पर जरूर कार्रवाई होगी। विधायकों की पिटाई का मामला तूल पकड़ने पर स्पीकर ने जांच के आदेश दिये थे और दोषी पुलिस कर्मियों-अधिकारियों पर कार्रवाई का आदेश दिया था। स्पीकर खुद पटना के कमिश्नर और आईजी को बुलाकर दोषियों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करने को कहा था। 

विस अध्यक्ष ने कार्रवाई का दिया था आदेश

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने को लेकर पटना के कमिश्नर और आईजी को तलब किया था। स्पीकर ने घटना के दिन का वीडियो फुटेज भी उपलब्ध कराया था। लेकिन 3 महीना बीत गये विधायकों की पिटाई करने वाले कर्मियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। विपक्षी विधायकों ने एक बार फिर से सरकार और विस अध्यक्ष को घेरा है। राजद-कांग्रेस और भाकपा माले के विधायकों ने साफ कहा है कि बजट सत्र से मॉनसून सत्र आने वाला है लेकिन क्या एक्शन हुआ किसी को पता नहीं। बिहार में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है। यहां राजतंत्र चल रहा है। अगर विधायकों की पिटाई करने वाले दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से हमलोग इस मामले को उठायेंगे।

विधायकों को जूते से पीटने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई

 कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने कहा कि पिछले विस सत्र में विपक्षी विधायकों को अपमानित किया गया। हमारे एक विधायक संतोष मिश्रा को जूते से पीटा गया। तब विस अध्यक्ष ने कहा था कि दोषी कर्मियों पर कार्रवाई होगी, लेकिन अब तक नहीं हुआ। क्या जनता के चुने हुए विधायक के साथ पुलिसकर्मी इस तरह के हरकत कर सकते हैं?  क्या यह संविधान में है? हमलोग एक बार फिर से मांग करते हैं कि वैसे दोषी सरकारी कर्मियों पर कार्रवाई हो। 

लोकतंत्र नहीं राजतंत्र कहिए

वहीं, राजद विधायक राकेश रौशन ने कहा कि बजट सत्र में सरकार के इशारे पर विधायकों की पिटाई की गई थी। हमलोगों के दबाव पर विस अध्यक्ष ने जांच के आदेश दिये और कहा था कि दोषियों पर कार्रवाई होगी। बजट सत्र से अब मॉनसून सत्र की शुरूआत होने वाली है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इनकी मंशा पहले से ही कार्रवाई करने की नहीं थी। तभी तो नया सत्र आने वाला है लेकिन कोई एक्शन नहीं। राजद हमेशा से कह रहा है कि बिहार में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है। लोकतंत्र में सिर्फ अफसर ही सरकार चला रहे हैं. अब तो सत्ता पक्ष के मंत्री-विधायक भी कह रहे कि लोकतंत्र नहीं है। लोकतंत्र में राजतंत्र को पनपाया जा रहा है।तभी तो सीएम नीतीश की मौजूदगी में विपक्षी विधायकों के साथ मारपीट की गई। 

फिर से विस में उठायेंगे मामला

माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि विपक्ष के विधायक जब जन सरोकार के मुद्दे उठा रहे थे तो मारपीट की गई। विधायकों को पीटा गया। उस दिन लोकतंत्र पर हमला हुआ था। तब विस अध्यक्ष ने कहा था कि कार्रवाई होगी. लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। हमलोग फिर से इस बार के बजट सत्र में इस मामले को उठायेंगे.

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