पटना... राजधानी में शुक्रवार को आर ब्लॉक से दीघा के बीच बनी सड़क का उद्घाटन करने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार को पत्रकारों के तीखों सवालों से गुजरना पड़ा। सवालों से नीतीश कुमार इतने बौखला गए कि उन्होंने अपने राज को छोड़ 16 साल पहले के राज की दुहाई देने लगे। इतना ही नहीं जब उनसे ये पूछा गया कि सरकार का 'इकबाल' कहां है तो नीतीश कुमार ने डिफेंड करने के अंदाज में कहा कि बिहार समूचे देश में अपराध के मामले में 23वें स्थान पर है। नीतीश सरकार अपने पुलिस प्रशासन का बचाव इस हद तक जाकर करने लगेंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था। इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने उस जुमले को भी सही साबित किया जिसमे लोग अमूमन ये कहते हैं 'उल्टा चोर कोतबाल को डांटे'। नीतीश कुमार उलटे ही पत्रकारों से ही सवाल पूछ डाला।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के समय नीतीश कुमार ने पूरे राज्य में सभाएं कीं और उन सभाओं में जनता को ये बताने से एक बार भी नहीं चूके कि बिहार क्राइम मामले में पूरे देश में 23वें स्थान पर है। वो हर सभा में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े को गिनवाते रहे और आज भी जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो नीतीश कुमार ने पत्रकारों पर ही आरोप लगाते हुए कहने लगे कि आप किस अपराध की बात करते हैं। आप पुलिस को मनोबल को मत गिराइए और ये कहते-कहते पत्रकारों पर झल्ला उठे। वो किस प्रकार गुस्से में दिखे वो आप नीचे फोटो देख सकते हैं।
उद्घाटन के बाद जब प्रेस वार्ता शुरू हुई तो पत्रकाराें ने सवालों की लंबी कतार लगा दी। मामला तब और गरम हो गया, जब नीतीश कुमार ने पत्रकारों से ये कहा कि अगर कोई अपराध के बारे में आपको पता चलता है तो आप पुलिस को फोन कीजिए अगर पुलिस नहीं सुनती है तो सीधा डीजीपी को फोन कीजिए। बस फिर क्या था, खड़े-खड़े पत्रकारों ने नीतीश को ये चैलेंज दिया कि आप अभी डीजीपी को फोन लागइए, आप अभी आईजी को फोन लगाइए। तो वो बेशर्म वाली मुस्कुराहट के साथ ये कहा कि मैं मोबाइल नहीं रखता हूं। और ये कहते हुए वो मंच से नीचे उतर गए ये बोलते हुए कि मैं उनको बोल दूंगा। आप चित्रों में देखें वो किसी प्रकार हंसते हुए नीचे उतर गए।
नीतीश ने 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत काे सही साबित किया
पत्रकारों से चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि यह दुखद है कि किसी की हत्या होती है, लेकिन यह जान लीजिए हत्या का कोई न कोई कारण होता ही है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद पुलिस खोजबीन कर उस अपराधी को भी पकड़ती है और अभी जो घटना घटी है इस पर स्पेशल टीम लगाई गई है। मैंने खुद घटना के बाद डीजीपी से पूछा और स्पेशल टीम बना कर अपराधियों को पकड़ने के लिए कहा। अब आप ही बताइए कि कोई भी क्या परमिशन लेकर हत्या करता है क्या। आप में से किसी को मालूम है, अगर मालूम है तो बताइए। अगर कहीं से भी पता चले कि किसका मर्डर किसने किया है और आपको किसी पर संदेह है तो आपको बताना चाहिए। आपका यह सवाल गलत है आप पुलिस का मनोबल गिरा रहे हैं। इसके बाद नीतीश कुमार खुद पत्रकारों से पूछ बैठे कि आप ही बताइए कि 2005 के पहले क्या था औरअब क्या है। मैं आपसे पूछता हूं कि बताइए क्या था पहले और अब।