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कौन है बिहार के गृह सचिव एस सिद्धार्थ जिन्हें चुनाव आयोग ने हटाने का दिया आदेश, सादगी को लेकर दी जाती है मिसाल

कौन है बिहार के गृह सचिव एस सिद्धार्थ जिन्हें चुनाव आयोग ने हटाने का दिया आदेश, सादगी को लेकर दी जाती है मिसाल

PATNA: बिहार के एक ऐसे आईएस अधिकारी जिनकी सादगी की चर्चें हर तरफ होती है। यह सीएम नीतीश के सबसे भरोसेमंद अधिकारी माने जाते हैं। यह सीएम के जीतने खास हैं, जमीन पर उतने ही आम हैं। वहीं आज लोकसभा चुनाव के पहले इलेक्शन कमीशन में बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार सहित देश के 6 राज्यों के गृह सचिव को हटाने का आदेश दे दिया है। इसमें बिहार के एस सिद्धार्थ भी है। चुनाव आयोग ने बिहार से गृह सचिव एस सिद्धार्थ को भी पद से हटाया दिया है। आइए आज जानते हैं कौन है एस सिद्धार्थ और बिहार में इनकी इतनी चर्चाएं क्यों होती है। 

कौन हैं एस सिद्धार्थ

नीतीश कुमार के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ बिहार कैडर के 1991 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट और वित्त विभाग की जिम्मेदारी इनपर है। वहीं अब गृह विभाग से चुनाव आयोग ने इन्हें हटा दिया है। बता दें कि एस सिद्धार्थ अपनी सागदी के लिए हमेशा से सुर्खियों में रहते आए हैं। बीते दिन भी उनका एक बेहद सादगी भरा तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 

सादगी के मिशाल बनें सिद्धार्थ 

दरअसल, बीते दिन आईएएस एस.सिद्धार्थ अपना बाल कटवाने के लिए फुटपाथ स्थित सैलून पहुँच गए थे। सैलून पटना के राजवंशी नगर हनुमान मंदिर के पास स्थित है। सुबह एस सिद्धार्थ की गाड़ी दुकान के बाहर रुकी और सैलून मालिक अनिल कुमार शर्मा को कहा कि मेरा बाल काट दीजिए। वहीं इसके पहले भी एस. सिद्धार्थ रात के करीब दस बजे बिना किसी गार्ड और बिना किसी ताम झाम के राजेन्द्र नगर सब्जी मंडी में जमीन पर बैठकर अकेले सब्जी खरीदते देखा गया था।

वहीं डॉ. एस सिद्धार्थ ने पायलट बनकर प्लेन उड़ाया था। इसके बाद आईएएस डॉ. एस सिद्धार्थ ने प्लेन उड़ाने का अनुभव शेयर किया। सिद्धार्थ ने कहा- '5 अक्टूबर 2023 को मैंने पहली बार अकेले ही विमान उड़ाया। हवा में अकेले उड़ना एक सपना सच होने जैसा था। एक बच्चे के रूप में मैं हमेशा विमान उड़ाने का सपना देखा करता था। अपने मेकैनो-किट का उपयोग करके मैं धातु के हवाई जहाज बनाता था और एक तार से उसे इस उम्मीद में घुमाता था कि वह उड़ जाएगा। कागज के विमान भी एक विकल्प थे, जिन्हें मैंने आजमाया। पतंग उड़ाना मेरा जुनून था।'

आम लोगों की तरह लोगों से मिलते आए नजर

वहीं पिछले साल भी डॉ एस सिद्धार्थ गया की सड़कों पर घूमते, रिक्शावाले से बात करते और ठेले पर पूड़ी जलेबी खाते देखे गए थे। कभी एस सिद्धार्थ सब्जी मंडी में दूकानदार से मोलभाव करते दिख जाते हैं तो कभी रिक्शे पर बैठकर गोलगप्पे खाने पहुंच जाते हैं। कभी आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ चाय की चुस्की लेते नजर आते हैं। तो कभी एक रिक्शे पर बैठकर रिक्शेवाले से बातचीत करते देखे जाते हैं। 

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