NEW DELHI/PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी में चल रही सियासी हलचल के बीच सोमवार को चिराग पासवान अचानक से गुजरात पहुंचे थे। गुजरात के अहमदाबाद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बेहद करीबी नेता माने जाने वाले परिन्दु भगत से मुलाकात की। इस गुप्त मुलाकात को चिराग पासवान ने 'व्यक्तिगत मुलाकात' बताया था।
कौन है परिन्दु भगत?
लेकिन आप सोच रहे होंगे कि लोजपा में चल रही सियासी हलचल के बीच चिराग ने यह मुलाकात क्यों की और ये परिन्दु भगत है कौन? बता दें परिन्दु भगत पीएम मोदी के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। पेशे से वकील परिन्दु भगत दिवंगत बीजेपी नेता अरुण जेटली के रिश्तेदार भी हैं। परिन्दु भगत पीएम मोदी के चुनावी हलफनामे में लीगल एडवाइजर के रुप में भी नजर आते हैं। यहां तक कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर जब भी नामांकन दाखिल करने गए है तब भगत उनके साथ साये की तरह नजर आएं हैं।
आशीर्वाद यात्रा से PM मोदी का आशीर्वाद चाहते हैं चिराग
चिराग पासवान आगामी पांच जुलाई से बिहार में आशीर्वाद यात्रा शुरु करने जा रहे हैं। ऐसे में परिन्दु भगत से अचानक उनके मुलाकात को लेकर माना जा रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री से लोजपा में टूट को लेकर दखल देने का अनुरोध किया है। चिराग किसी भी स्थिति में पार्टी की कमान अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। दरअसल चिराग ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'यह सही नहीं है कि जब हनुमान का वध हो रहा हो तो राम चुप रहें।' साफ है कि चिराग को अब भी पीएम मोदी से उम्मीद है।
धीरज सिंह की रिपोर्ट