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ताकतवर कौन...नेता या अफसर ? बिहार खाद्य आयोग के 'अध्यक्ष' के दौरा-मीटिंग पर 'सचिव' ने लगा दी लंगड़ी, DM-SP से कहा- नोटिस नहीं लें

ताकतवर कौन...नेता या अफसर ? बिहार खाद्य आयोग के 'अध्यक्ष' के दौरा-मीटिंग पर 'सचिव' ने लगा दी लंगड़ी, DM-SP से कहा- नोटिस नहीं लें

PATNA: बिहार खाद्य आयोग के अध्यक्ष व सदस्य सचिव में जंग छिड़ी है। हद तो तब हो गई जब सचिव ने अध्यक्ष के दौरे व मीटिंग कार्यक्रम पर अघोषित रूप से रोक लगवा दिया। आयोग के सदस्य सचिव ने खाद्य आयोग के अध्यक्ष के निजी सचिव द्वारा डीएम-एसपी को लिखे गये पत्र को गलत ठहराते हुए पत्र जारी कर दिया। सचिव ने कहा कि बिना मेरे हस्ताक्षर के किसी पत्र का जिलाधिकारी-पुलिस अधीक्षक नोटिस नहीं लें। इस तरह से खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल को सदस्य सचिव मो. बशीर ने औकात बता दी। हालांकि इस पत्र के जारी करने के बाद अध्यक्ष ने सचिव पर गंभीर आरोप लगाये हैं। यह भी कहा है कि सचिव को यह अधिकार नहीं कि अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप करें। 

गजब...सचिव ने अध्यक्ष का दौरा रूकवा दिया 

बिहार राज्य खाद्य आयोग में महाभारत जारी है। अध्यक्ष और सदस्य सचिव आमने-सामने हैं। दोनों एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। सचिव ने अध्यक्ष के दौरा और मीटिंग में बाधा पहुंचाने की कोशिश करी, तो अध्यक्ष ने सचिव पर गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा सनसनी फैला दी है। 24 मई 2022 को बिहार राज्य खाद्य आयोग के सदस्य सचिव मो. बशीर ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की 20 अक्टूबर 2017 की अधिसूचना से आयोग के सदस्य सचिव में विभागाध्यक्ष की शक्ति निहित है. विभागीय संकल्प में स्पष्ट प्रावधान है कि आयोग का प्रत्येक आदेश सदस्य सचिव के द्वारा ही निकाला जाएगा. बिहार राज्य खाद्य आयोग से संबंधित कोई भी पत्र जो आयोग के सदस्य सचिव-विशेष कार्य पदाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित हो तथा आयोग के कार्यालय से निर्गत हो उसी पर कार्रवाई किया जाना है. आयोग के सदस्य सचिव ने डीएम-एसपी को लिखे पत्र में कहा है कि ऐसे में जानकारी लगी है कि अन्य स्तर से पत्र जारी किए जा रहे हैं. आयोग के सदस्य सचिव मोहम्मद बशीर ने इस संबंध में प्रमाण के लिए वह पत्र भी साझा किये हैं जो आयोग के अध्यक्ष के निजी सहायक ने जारी किया था। आयोग के सदस्य सचिव ने पत्र में आगे लिखा है कि सभी जिलाधिकारी हमारे स्तर से निर्गत पत्र पर ही कार्रवाई करें। 

अध्यक्ष के बाद सचिव ने सभी डीएम-एसपी को लिखा पत्र 

दरअसल, बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल के आप्त सचिव ने 24 मई को रोहतास के डीएम और एसपी को पत्र लिखा था . जिसमें अध्यक्ष के भ्रमण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी गई थी. साथ ही बैठक कार्यक्रम के बारे में बताया गया था.जिस दिन अध्यक्ष के भ्रमण-मीटिंग कार्यक्रम की जानकारी डीएम-एसपी को दी गई, उसी दिन आयोग के सदस्य सचिव ने भी डीएम और एसपी को पत्र जारी कर कार्यक्रम में अडंगा लगा दिया।यानी अध्यक्ष का जिलों में दौरा-मीटिंग पर पानी फिर गया। इस तरह से आयोग के दफ्तर में सिरफुटौव्वल जारी है। 

सचिव पर भड़के अध्यक्ष 

इधर, आयोग के सदस्य सचिव मो. बशीर द्वारा इस तरह के पत्र जारी करने के बाद अध्यक्ष विद्यानंद विकल भड़क गये हैं। उन्होंने सचिव पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे दौरा के संबंध में मेरे निजी सचिव जिसे सरकार वेतन देती है उसने पत्र जारी किया है। यह कैसे गलत है ? सदस्य सचिव नियम के खिलाफ काम कर रहे हैं। वे लगातार घोटाले में शामिल हैं। हमने जब अंकुश लगाया है तो वे कुछ लोगों के साथ मिलकर षडयंत्र रचने का काम कर रहे हैं। अध्यक्ष ने यहां तक कहा कि मो. बशीर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। रिटायर्ड होने के बाद वे अनुबंध पर हैं। ऐसे में उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं है। फिर भी उन्होंने साजिश कर आयोग का 25 लाख रू का बंदरबांट किया है। इस पैसे से अनुपयोगी क्रय किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास सचिव के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हमने कई दफे विभाग से पत्राचार किया है। 

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