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बिहार भवन-निवास में तैनात 'भ्रष्ट' इंजीनियर के सिर पर किसका हाथ? लंबे समय से एक ही जगह तैनात ..सरकार हटाने की 'हिम्मत' नहीं जुटा पाई

बिहार भवन-निवास में तैनात 'भ्रष्ट' इंजीनियर के सिर पर किसका हाथ? लंबे समय से एक ही जगह तैनात ..सरकार हटाने की 'हिम्मत' नहीं जुटा पाई

PATNA: बिहार में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार की खुली छूट है। अधिकारियों को किसी का भय नहीं,लिहाजा भ्रष्ट तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे।वैसे इंजीनियरों-अधिकारियों को ऊपर से संरक्षण भी मिलता है। तभी तो एक जूनियर इंजीनियर से नौकरी शुरू करने वाला शख्स सरकार के नाक के नीचे इतना ताकतवर बन गया। इंजीनियर को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है . दो दशक से इंजीनियर फिरोज आलम दिल्ली के बिहार निवास-भवन में तैनात है। शिकायतों का अंबार पर क्या मजाल की कोई उसे हटा दे। 

भ्रष्ट इंजीनियर के सिर पर किसका हाथ? 

बिहार भवन-निवास में तैनात इंजीनियर फिरोज आलम  के खिलाफ जांच हुई, जांच में गड़बड़ी के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं इनाम में प्रमोशन और फिर दिल्ली के उसी बिहार भवन-निवास में ड्यूटी लगती रही। सात साल पहले एक माननीय ने निगरानी विभाग और भवन निर्माण विभाग से कंप्लेन किया था। दिखावे के लिए जांच भी हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। उल्टे वह उसी बिहार भवन-निवास में जूनियर इंजीनियर से एसडीओ और फिर कार्यपालक अभियंता बन ठाट से नौकरी करतS रहा। कंप्लेन करने वाले माननीय उस इंजीनियर का कुछ नहीं  बिगाड़ पाये। अब आर्थिक अपराध इकाई रविवार सुबह-सुबह भ्रष्ट और ताकतवर इंजीनियर के ठिकानों पर पहुंच गई है। 

बिहार निवास वाले सेटिंगबाज इंजीनियर पर कसा शिकंजा 

आर्थिक अपराध इकाई बिहार के एक भ्रष्ट धनकुबेर इंजीनियर जिसका ठिकाना दिल्ली है, के ठिकानों पर छापेमारी की है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता फिरोज आलम जो बिहार भवन, बिहार निवास एवं बिहार सदन नई दिल्ली के प्रभार में हैं के पांच ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति केस में सुबह-सुबह छापेमारी हुई। भ्रष्ट अभियंता पर आय से 91.08 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज हुआ है . कोर्ट से तलाशी वारंट मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम भ्रष्ट अभियंता के 5 ठिकानों पर सर्च की। जांच टीम नई दिल्ली में सुखदेव विहार-58 स्थित मकान, नई दिल्ली के जौहरी फॉर्म बी-22 स्थित आवासीय मकान, कार्यपालक अभियंता फिरोज आलम के नई दिल्ली स्थित बिहार निवास कार्यालय, बिहार सदन द्वारका स्थित कार्यालय एवं अभियुक्त फिरोज आलम के भाई जहीरूद्धीन आलम पता-205 डेनियल मेंशन पासपोर्ट ऑफिस के पूरब समनपुरा पटना में छापेमारी की। ईओयू की जांच में अकूत संपत्ति का पचा चला है। 

एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने जांच को लेकर 2015 में लिखा था पत्र

जब इओयू की छापेमारी शुरू हुई तो भ्रष्टाचार में लिप्त इंजीनियर की एक-एक कर पोल खुलने लगी। इंजीनियर इतना ताकतवर है कि लंबे समय से वह दिल्ली के बिहार निवास-भवन में तैनात हैं। कहा जाता है कि फिरोज आलम की तूती बोलती है। खिलाफ में न जाने कितने कंप्लेन गिरे लेकिन सबकुछ मैनेज हो गया. केवल जांच की खानापूर्ति होती है। पूर्व मंत्री व विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने उस भ्रष्ट अभियंता फिरोज आलम के खिलाफ शिकायत की थी . उन्होंने 7 अप्रैल 2015 को निगरानी विभाग के प्रधान सचिव और भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से बिहार भवन और बिहार निवास में तैनात भवन निर्माण विभाग के अभियंता फिरोज आलम के कुकृत्य की जांच करने को कहा था.

विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने आरोपी इंजीनियर फिरोज आलम के खिलाफ 7 बिंदु पर जांच करने की मांग की थी . एमएलसी ने अपने पत्र में कहा था कि बिहार भवन में पदस्थापित स्थानिक अभियंता फिरोज आलम जो जूनियर इंजीनियर के पद पर 1999 में वित्तीय अनियमितता के कारण निलंबित किया गया था. इसके अलावा उसके कई गड़बड़ी की शिकायत है. इसकी पूरी जानकारी निगरानी विभाग को दी गई थी. साथ ही संपत्ति की जांच की मांग की गई थी. लगातार कई शिकायत मिलने के बाद भवन निर्माण विभाग ने 2017 में जांच कराई थी. जांच में पहले बिंदू पर इंजीनियर को संलिप्त पाया गया था। लेकिन क्या कार्रवाई हुई किसी को पता नहीं चला। संपत्ति जांच की शिकायत पर जांच टीम ने यह कह दिया कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं। इस तरह से विधान पार्षद के आरोप को खत्म कर दिया गया। 


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