बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सिंदुआरी घटना को अंजाम देने वाले बदमाश राकेश यादव के सिर पर किसका हाथ, जांच कर खुलासा करे पुलिस- सच्चिदानंद राय

सिंदुआरी घटना को अंजाम देने वाले बदमाश राकेश यादव के सिर पर किसका हाथ, जांच कर खुलासा करे पुलिस- सच्चिदानंद राय

Patna: कोरोना संकट और लॉक डाउन के बीच गया जिले सिंदुआरी गांव की घटना काफी चिंतनीय,निंदनीय व दुखद है. घटना के चरित्र से ऐसा प्रतीत होता है कि यह पूर्व नियोजित है और यह सीधे-सीधे नरसंहार को अंजाम देने की गहरी साजिश थी. जिसकी बुनावट पहले से मनासिक तौर पर तैयार कर ली गयी थी. हालांकि अपराधी इसमें सफल भी रहे.

दिनदहाड़े बेवजह, मामूली घटना की वजह से हथियारबंद लोगों के द्वारा फायरिंग कर चार लोगों को गोली मारी जाती है जिसमें 2 लोग मारे जाते हैं और 2 गम्भीर तौर पर घायल हो जाते हैं. सिंदुआरी गांव के लोगों की बातों पर अगर गौर किया जाय तो स्पष्ट प्रतीत होता है कि राकेश यादव नामक अपराधी इससे पहले भी उस गांव में अपनी दबंगता साबित करने के आपराधिक हरकतों को अंजाम देता रहा है. ग्रामीणों ने यह भी एसएसपी से बात करते हुए कहा है कि कैसे स्थानीय थाना में कार्यरत एक पूर्व पुलिस कर्मचारी का संरक्षण पा कर यह हमेशा दुर्व्यवहार पर उतारू रहता था. सतर्कता बरती जाती तो सम्भवतः इस जघन्य हत्याकांड से बचा जा सकता था. ब्रह्मजन कुल के दो निर्दोष भाई इस आपराधिक घटना में अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि और 2 फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं उनकी कुशलता के लिये ईश्वर से कामना.

बता दें कि घटना के बाद जिला के एसएसपी के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियुक्त सहित तीन अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. लेकिन इतना से काम नहीं चलने वाला. इस जघन्य कांड की सूक्ष्मता से जांच भी बेहद जरूरी है.

सवाल यह है कि राकेश यादव नामक कुख्यात अपराधी के पीछे है कौन ?  आखिर इतने दुःसाहसिक घटना को अंजाम देने का साहस वह कैसे कर पाया? घबराये नहीं उसका भी पर्दाफाश होकर रहेगा. जरूरत है संवेदनशील होने के साथ सतर्क रहने की. समाज के युवाओं से भी आग्रह है कि इस घटना के प्रति संवेदनशील रहें लेकिन सतर्क भी. ताकि इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले लोगों के पीछे कौन लोग खड़े हैं उनका पर्दाफाश हो सके. इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी की तो पहचान भी हो गयी और गिरफ्तारी भी. अब जिम्मेदारी हमलोगों की है कैसे कानूनी सपोर्ट पीड़ित परिवारों को लंबे समय तक मिले. ताकि अपराधियों को कुकृत्य का  उन्हें फल मिल पाए. सतर्कता की बात मैं इसलिये कह रहा हूँ  ताकि कुछ लोगों की बदनीयती पर चोट किया जाय. कुछ ऐसे सिरफिरे लोग चाह रहे हैं समाज फिर से लालू यादव के युग मे लौट जाए. जातीय उन्माद चरम पर हो उसके चुनावी फायदे लिये जाएं. राजनीतिक रोटी सेंकने वाले लोगों की पहचान भी जरूरी है. हमलोगों को ऐसा नहीं होने देना है .वहीं दूसरी तरफ कुकृत्य करने वाले अपराधियों को छोड़ना भी नहीं है. उन्हें हर हाल में उनके किये के अंजाम तक पहुंचाना है. 

Suggested News