पटना/दिल्ली. बिहार में जहरीली शराब कांड में मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर बिहार के भाजपा सांसदों ने शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया. छपरा में जहरीली शराब पीने से करीब 80 लोगों की मौत के बाद बिहार सरकार ने विधानसभा में साफ तौर पर कहा है कि मुआवजा नहीं दिया जाएगा. वहीं भाजपा का कहना है कि राज्य में शराब से होने वाली मौतों के लिए नीतीश कुमार नीत महागठबंधन सरकार नैतिक रूप से जिम्मेदार है. इसलिए पीडितो के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए. इस मुद्दे पर भाजपा के सासदों ने संसद परिसर में धरना दिया.
राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि हम नीतीश सरकार से मुआवजा देने की मांग करते हैं. भाजपा सांसद अपने हाथों में तख्ती लेकर आए थे. उन्होंने नीतीश कुमार मृतक के परिजनों को मुआवजा दो, बिहार सरकार शराब माफियाओं को संरक्षण देना बंद करो. बिहार के मुख्यमंत्री होश में आओ, बिहार के मुख्यमंत्री इस्तीफा दो जैसे नारे लगाकर अपना विरोध जताया. सांसदों ने कहा कि राज्य में शराबबंदी के बाद भी अगर शराब मिल रही है. लोग जहरीली शराब पीकर मार रहे हैं तो यह पूरी तरह से राज्य सरकार की विफलता है. इसलिए नीतीश सरकार ही शराब से होने वाली मौतों के लिए नैतिक रूप से जिम्मेदार है.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून के प्रवधानों में भी शराब से होने वाली मौत पर मुआवजा का प्रावधान है. बावजूद इसके नीतीश कुमार अपनी जिद पर अड़े हैं. इसलिए भाजपा ने जनहित में पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है. नीतीश कुमार को आए दिन शराब से हो रही मौतों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए. भाजपा सांसदों ने सीएम नीतीश के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की.
दरअसल, छपरा सहित कुछ अन्य जिलों में पिछले सप्ताह कई लोगों के जहरीली शराब पीने और 80 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है. हालांकि सरकारी रूप से अब तक शराब से हुई मौतों को लेकर कोई स्पष्ट आंकड़ा जारी नहीं किया गया है. इस वजह से भाजपा ने आरोप लगाया है कि नीतीश सरकार न सिर्फ शराबबंदी को सफल बनाने में विफल है बल्कि मौतों की संख्या भी छिपा रही है.