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साथ जिएंगे साथ मरेंगे : एक जन्म, सात फेरे, साथ छूटे हाथ, प्रेम की ऐसी नजीर, जो बन गयी चर्चा का विषय

साथ जिएंगे साथ मरेंगे : एक जन्म, सात फेरे, साथ छूटे हाथ, प्रेम की ऐसी नजीर, जो बन गयी चर्चा का विषय

गया: जो ढल के नयी सुबह लाये, वो रात हैं हम, छोड़ देते हैं लोग नाते बनाकर, जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम। जीवन में साथ देने वाले तो बहुत लोगों के बारे में आपने सुना या पढा होगा लेकिन कुछ ऐसे भी दंपत्ति होते हैं, जिनका प्यार जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी बना रहता है। यानि साथ जीना व साथ मरना। कुछ ऐसी की खबर टिकारी प्रखंड से है, जो अभी चर्चा में है। जहां पति की मौत की सूचना के महज दो घंटे बाद पत्नी ने भी इस दुनिया को छोड़ दिया।

दरअसल टिकारी प्रखंड के केसपा गांव के निवासी शिक्षाविद समाजसेवी सकलदीप शर्मा पिछले करीब बीस दिनों से कोरोना संक्रमित थे।  उनका ईलाज पटना के अपोलो हॉस्पिटल में चल रहा था। जहां पर उन्होंने कोरोना पर तो विजय प्राप्त कर ली थी लेकिन फेफड़े का संक्रमण उनके लिए जानलेवा बन गया और मंगलवार को वह अपने जीवन की जंग हार गये। यह सूचना जब उनके घर पर पहुंची तो पूरा परिवार शोक में डूब गया। इधर उनका पार्थिव शरीर पटना से पैतृक गांव के लिए रवाना हुआ उधर उनकी पहली पत्नी इंदू देवी पति के मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और उन्होंने भी तोड़ दिया। 

हुई थी दो शादियां

दरअसल सकलदीप शर्मा की दो शादियां हुई थी। पहली शादी महज 11 साल की ही उम्र में इंदु देवी के साथ हुई थी लेकिन कई वर्षों तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई। पहली पत्नी की ही आग्रह पर उन्होंने दूसरी शादी की। जिससे उनको दो पुत्र व दो पुत्रियां हुई। हालांकि इसके बाद भी परिवार में कही से कोई खटास नहीं हुआ। दूसरी पत्नी के भी चारों बच्चों ने इंदू देवी को हमेशा मां का ही दर्जा दिया। कुछ दिन पूर्व ही उनके पौत्र की शादी थी। शादी में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन भी किया गया था लेकिन बारात से लौटने के पश्चात वे कोरोना संक्रमित हो गये और अपने जीवन की जंग हार गये। फिलहाल हर किसी के जुबान पर दोनों की ही कहानी है।

गया से मनोज की रिपोर्ट

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