पटना. भाजपा के सातों मोर्चों की संयुक्त मोर्चा कार्यकारिणी बैठक 30 और 31 जुलाई को पटना में हो रही है. भाजपा ने संयुक्त मोर्चा कार्यकारिणी बैठक को लेकर बड़ी तैयारी की है जो एक प्रकार से पार्टी का शक्ति प्रदर्शन भी है. आने वाले समय में बिहार में भाजपा को मजबूती से पेश करने की दिशा में पार्टी अभी से जुटी हुई प्रतीत हो रही है. देखा जाए तो पार्टी न सिर्फ अपने विरोधियों बल्कि एनडीए के घटक दलों को भी साफ संदेश देने की तैयारी में दिखती है कि आने वाले समय में भाजपा ही बिहार में सबसे बड़ी पार्टी होगी.
संयुक्त मोर्चा कार्यकारिणी बैठक को लेकर भाजपा ने पूरे पटना को पार्टी के झंडों, बैनरों और तोरण द्वार से पाट दिया है. शहर के सभी प्रमुख मार्गों और चौराहों को भाजपा के रंग में रंगा देखा जा सकता है. सड़कों के दोनों ओर कई नेताओं के आदमकद कटआउट लगे हुए हैं. वहीं पटना में 30 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रोड शो करेंगे. इसे लेकर भी पार्टी ने बड़ी तैयारी की है. नड्डा के रोड शो में 3000 हजार बाइक सवारों के उतारने की बात कही गई है. जिन मार्गों से रोडशो गुजरेगा वहां फूल बरसाने और स्वागत के लिए विशेष तैयारी की गई है. इसके अलावा उसी दिन पार्टी अध्यक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 16 जिलों के बीजेपी कार्यालय भवन का उद्घाटन और सात जिलों के कार्यालय भवन का शिलान्यास करेंगे.
इसी तरह गृह मंत्री अमित शाह 31 जुलाई को समापन समारोह को संबोधित करेंगे. इसे लेकर भी पार्टी की बड़ी तैयारी है. एक प्रकार से भाजपा की इस बैठक को लेकर जिस प्रकार की तैयारी की गई है वह आने वाले समय के लिए पार्टी की चुनावी तैयारी से जोड़कर देखा जा सकता है. एक प्रकार से भाजपा का यह दो दिवसीय कार्यक्रम पार्टी का शक्ति प्रदर्शन भी है. जिसमें विपक्षी दलों को भाजपा की चुनौती के रूप में देखने के साथ ही एनडीए के घटक दलों को भाजपा की बढती शक्ति का एहसास कराना माना जा सकता है. इसके लिए भाजपा ने पटना की सड़कों पार्टी से जुड़े प्रतीकों और नेताओं के स्वागत के पोस्टर-बैनर लगाकर अपनी मंशा भी कुछ हद तक साफ कर दी है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में भी पार्टी अभी से जुट गई है. यही कारण है कि भाजपा के देश के अलग अलग राज्यों से आए नेता बिहार के 200 विधानसभा क्षेत्रों में प्रवास कर रहे हैं. इससे आने वाले समय में पार्टी अपने नेताओं की फ़ौज को किस प्रकार राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में उतार सकती है उस ताकत का अहसास भी अभी से करा दिया है.
यही कारण है कि विपक्ष के साथ ही अब भाजपा के सहयोगी दलों को भी लगने लगा है कि पटना में भाजपा के संयुक्त मोर्चा की बैठक आने वाले समय में बड़े राजनीतिक बदलाव की दिशा और दशा तय करेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि न सिर्फ भाजपा बल्कि उसके प्रतिद्वंद्वी दल भी इस बैठक से निकलने वाले मजमून को लेकर सतर्क दिख रहे हैं.