MOTIHARI : बिहार सरकार ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है. लेकिन जिला शिक्षा कार्यालय से लेकर बीआरसी व एचएम तक की लूट खसोट व उदासीनता के कारण योजना धरातल पर उतरने के पहले ही दम तोड़ दे रहा है. मामला संज्ञान में आने के बाद भी जांच के नाम पर उगाही का खेल कर फाइल को दबा देने में विभाग को महारत हासिल है.
इतनी दी गयी राशि
शिक्षा विभाग द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो के विद्यालय को विधुत सुविधा से लैस करने के लिए अरेराज प्रखण्ड के 32 मिडिल स्कूल को 1.53 लाख रुपया प्रति विद्यालय सर्व शिक्षा अभियान से दिया गया. जिसमें प्रति वर्ग कक्ष में बच्चों को गर्मी से राहत देने के लिए पंखा सहित प्रकाश के लिए बल्ब लगाने के लिए प्रति वर्ग कक्ष 14 हज़ार 500 रुपए खर्च का प्राकलन बनाया गया. शिक्षा विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व ही राशि सभी विद्यालयों के खाते में भेज दी गई. सूत्रों की माने तो कमीशन की खेल में कुछ विद्यालयों में वायरिंग का कार्य कराया गया तो उसमें सामान की गुणवत्ता का कोई ध्यान ही नहीं रखा गया. वही एक दर्जन से अधिक विद्यालय में रुपया निकासी के एक वर्ष भी स्कूलों का वायरिंग का कार्य शुरू भी नही किया गया. सर्व शिक्षा जेई के अनुसार दो वर्ष वितने के बाद 32 विद्यालय में मात्र 13 विद्यालय में ही वायरिंग का कार्य पूरा किया गया. आधा दर्जन विद्यालयों को वायरिंग कराने का दिशा निर्देश देने के बाद भी कार्य शुरू नही किया गया. वही यू एम एस द्वारा पैसा वापस कर दिया गया. जीएमएस कन्या अरेराज के पास अपना भवन नही होने की बात बतायी गई. आमलोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर एक वर्ष से रुपया निकासी कर स्कूलों में वायरिंग का कार्य नही किया गया तो कही रुपया गबन तो नही कर लिया गया. प्रतिदिन वरीय पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय का जांच किया जाता है तो क्यो नही सरकार द्वारा स्कूल में मिलने वाली मूलभूत सुविधाओ की जांच किया जाता है. इससे स्पष्ट होता है कि पदाधिकारी व एचएम के मिलीभगत से गबन का खेल चलता है. अरेराज प्रखण्ड के 32 विद्यालयों के वायरिंग की कार्य व राशि निकासी के बाद भी कार्य नही होने की उच्च स्तरीय जांच किया जाय तो भारी गड़बड़ी से इनकार नही किया जा सकता. जेई सर्व शिक्षा अभियान अमित कुमार ने बताया कि 13 विद्यालयों में वायरिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है. बाकी विद्यालयों के एचएम को जल्द कार्य कराने का निर्देश दिया गया है.
जेई के अनुसार इन विद्यालयों में वायरिंग कार्य हुआ पूरा
बताया जा रहा है की प्रति विद्यालय शिक्षा विभाग से एक लाख 53 हज़ार रुपए मिला था . एक रूम पर 14 हज़ार 500 रुपए खर्च करना था. जिसमे प्रति रूम उत्तम क्वालिटी के चार पंखा, सात बल्ब,वायरिंग पाइप,स्विच सहित सामान लगाना था. विद्यालयों में किये गए कार्य की क्वालिटी की जांच किया जाय तो बड़ा खुलासा से इंकार नही किया जा सकता. जीएमएस जितवारपुर, जीएमएस विंदवलिया, यूएमएस चिन्तामपुर उर्दू,जीएमएस चटिया, यूएमएस चटिया दियर, यूएमएस सिरनी,जीएमएस नवादा,जीएमएस बहादुरपुर,यूएमएस रामपुर छपकहिया, यूएमएस बेलही उर्दू,यूएमएस सरेया खास,यूएमएस सुजाइतपुर ,जीएमएस सिरनी में वायरिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है. बाकी विद्यालय के एचएम से जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है. बीईओ बालकृष्ण यादव ने बताया कि मुझे पता नही है कि कितने विद्यालय में वायरिंग का कार्य पूरा किया गया है. मामला संज्ञान में आया है. राशि निकासी के बाद कार्य पूरा नही करना गंभीर मामला है. जांच कर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट