BHAGALPUR : बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की ओर से कई दावे किये जाते हैं। सत्ताधारी पार्टी की ओर से कहा जाता है की बिहार में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का विकास हुआ है। लेकिन आज भी राज्य के स्कूलों की स्थिति देखकर सरकार के दावे की पोल खुलती नजर आती है। जिले का एक स्कूल ऐसा है, जहाँ कहने को तो तीन शिक्षक है। लेकिन शायद ही कोई शिक्षक समय पर आता हो। ऐसी स्थिति में स्कूल टोला सेवक के भरोसे ही स्कूल चलता है। भागलपुर नगर निगम के अन्तर्गत मनसकामना मंदिर के पीछे प्राथमिक विधालय नाथनगर -2 का सरकारी विद्यालय है।
विद्यालय में शिक्षक को नहीं देख बच्चे टोला सेवक के सामने छत एवं सीढ़ी के दीवार पर स्लाईड करते रहते हैं । जबकि छत पर बच्चों को चढ़कर ताक झाँक और स्लाईड करते देख लगता है की टोला सेवक कहीं अप्रिय घटना का इंतजार करते हैं। वहीं विद्यालय में कार्यरत नियमित सहायक शिक्षक राघवेंन्द्र कुमार अक्सर विधालय से गायब रहते हैं। लेकिन विधालय प्रभारी के साठगांठ से शिक्षक राघवेंन्द्र कुमार की उपस्थिति, विद्यालय की उपस्थिति पंजी पर लगातार दर्ज हो जाती है।
सबसे अहम बात तो यह है कि विद्यालय के शिक्षक राघवेंन्द्र कुमार बहला फुसलाकर नौकरी के नाम पर करोडों रुपये की ठगी कर करीब पचास लोगों को शिकार बना चुके हैं। ठगी करने में माहिर शिक्षक राघवेंन्द्र कुमार खुद राजीव कुमार,भोला पासवान कई नाम अपना बताते हुए एसबीआई के पर्यवेक्षक बताकर खुद ठगी करते हैं। जिले में कई लोग ठगी के गिरोह में इनके साथ शामिल हैं। जबकि अकबरनगर के कृष्णदेव पासवान उर्फ के0 डी0 पासवान को इनके गिरोह का मुख्य सरगना बताया जा रहा है। इस मामले को क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक सत्येन्द्र झा ने बहुत ही गंभीर मामला बताते हुए विद्यालय के शिक्षकों पर जांचोपरांत कार्रवाई करने की बात कही है।
भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट