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वापस ली गई भाजपा नेताओं को मिली Y श्रेणी की सुरक्षा ! मोदी सरकार ने फिर से जताया नीतीश की पुलिस पर भरोसा

वापस ली गई भाजपा नेताओं को मिली Y श्रेणी की सुरक्षा ! मोदी सरकार ने फिर से जताया नीतीश की पुलिस पर भरोसा

पटना. बिहार भाजपा के 10 नेताओं को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई है. अग्निपथ योजना के विरोध में जून महीने में बिहार सहित देश भर में युवाओं का भारी विरोध देखने को मिला था. बिहार की तत्कालीन उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सहित कई भाजपा नेताओं के घरों और भाजपा कार्यालयों को भीड़ ने निशाना बनाया था. जमकर तोड़फोड़ और उत्पात मचाने के दौरान भाजपा नेता निशाने पर रहे थे. इसी के बाद 18 जून को केंद्र सरकार ने अचानक से बिहार भाजपा के 10 नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने की घोषणा की थी. इसके तहत नेताओं की सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया था. 

उस दौरान नीतीश सरकार में शामिल रहने के बाद भी भाजपा नेताओं ने बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं जताया था. यहां तक कि कुछ नेताओं ने पुलिस पर भीड़ को नहीं रोकने का आरोप भी लगाया था. वहीं केंद्र सरकार द्वारा नीतीश की पुलिस पर भरोसा नहीं करते हुए भाजपा नेताओं की सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों को तैनात करने और उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देने पर जोरदार बहस देखने को मिली थी. इसे एक प्रकार से भाजपा को नीतीश की पुलिस पर भरोसा नहीं होने से जोड़कर देखा गया था. जबकि उस समय भाजपा और जदयू एक साथ एनडीए में रहकर बिहार में सरकार चला रहे थे. 

वहीं अब नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो चुके हैं. भाजपा अब विपक्ष में है. अग्निपथ को लेकर जो विरोध देखा गया था, वह भी अब शांत हो चुका है. इन बदली परिस्थितयों में केंद्र सरकार ने भी बिहार भाजपा के नेताओं की सुरक्षा में बदलाव करते हुए उन्हें मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली है. ऐसे में अब जिन भाजपा नेताओं की सुरक्षा से सीआरपीएफ जवानों की तैनाती गायब हो जाएगी उसमें रेणु चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल, दरभंगा से विधायक संजय सरावगी और दीघा से विधायक संजीव चौरसिया, दिलीप जायसवाल, छपरा विधायक सीएन गुप्ता, पूर्णिया विधायक विजय खेमका का नाम शामिल हो सकता है. 

अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान जहाँ सरकार में रहते हुए भी केंद्र ने नीतीश की पुलिस पर भरोसा नहीं जताया था. वहीं अब विपक्ष में होते हुए भी भाजपा नेताओं की सुरक्षा फिर से बिहार पुलिस के हवाले होगी. दरअसल, केंद्र सरकार समय समय पर सुरक्षा का आकलन करती है. गृह मंत्रालय उसी अनुरूप सुरक्षा की श्रेणी तय करता है. चुकी अग्निपथ के दौरान भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा था इसलिए उस समय बिहार भाजपा के नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. लेकिन अब बदली परिस्थति में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है. ऐसे में अब भाजपा नेताओं के साथ वही सुरक्षाबल दिखेंगे जो उनकी श्रेणी के हिसाब से बिहार पुलिस देती है. 


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