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राजनीति का अजब खेल ! सच्चिदानंद राय- जो थे भाजपा के सच्चे सिपाही पहले टिकट काटा अब दल विरोधी बताकर पार्टी से निकाला

राजनीति का अजब खेल ! सच्चिदानंद राय- जो थे भाजपा के सच्चे सिपाही पहले टिकट काटा अब दल विरोधी बताकर पार्टी से निकाला

पटना. भाजपा की जड़ों को बिहार में मजबूत करने में कई दशकों तक अहम भूमिका निभाने वाले सच्चिदानंद राय को भाजपा ने पहले अंतिम मौके पर एमएलसी चुनाव के टिकट से बेदखल किया और अब उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा की प्रतिकूल परिस्थियों में एक समर्पित कार्यकर्त्ता के रूप में पार्टी की सेवा करने वाले सच्चिदानंद राय अब उसी दल में बेगाने हो गये हैं जिसके लिए उन्होंने वर्षों मेहनत किया. 

सच्चिदानंद राय के समर्थकों का कहना है कि जो पार्टी के सच्चे सिपाही कहे जाते थे आज उन्हें ही भाजपा ने दल विरोधी बताकर पार्टी से निकाल दिया. यह एक निष्ठावान कार्यकर्ता की उचित पहचान न कर पाने के बराबर है.  सच्चिदानंद राय ने टिकट न दिए जाने के बाद सारण से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है. ऐसे में उनके समर्थक मानते हैं भाजपा की यह कार्रवाई तय थी. लेकिन इसका जवाब चुनाव में भाजपा को मिलना तय है. जिस दल को राय ने खून-पसीने से सींचा उन्हें ही दल विरोधी लोग पार्टी से निकालने और अपमानित करने की साजिश कर बैठे.  

पूर्व विधान पार्षद सच्चिदानंद राय को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है. उन्हें बिहार विधान परिषद चुनाव में एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के निर्देश ने राय के खिलाफ यह कार्रवाई की गई. 

न सिर्फ सच्चिदानंद राय को बल्कि छेदी पासवान के बेटे रविशंकर पासवान को भी बीजेपी से निष्कासित किया गया है. बीजेपी ने दोनों को 6 वर्षों के लिए निष्कासित किया है. पार्टी ने दोनों को कहा है कि आपने पार्टी के अनुशासन के खिलाफ कर्रवाई की है. इसके लिए आप दोनों को दल से निष्कासित किया जाता है. 

हालांकि अब देखना होगा कि भाजपा का यह निर्णय कितना सही होता है. क्योंकि एमएलसी चुनाव में इसका असर दिख सकता है. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जब सच्चिदानंद राय ने भाजपा में कुछ मुद्दों को लेकर आपत्ति जताई थी तब उन्हें विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया था. वहां उनकी मुलाकात अमित शाह से हुई थी जिसके बाद वे मान गये थे. लेकिन एमएलसी चुनाव के दौरान एक न सिर्फ पार्टी ने बिना सच्चिदानंद राय से बात किया उनका टिकट काटा बल्कि अब उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया.   



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