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बरौनी रिफाइनरी में मजदूर और प्रबंधन आमने-सामने, प्रबंधन का शर्त मानने से मजदूरों ने किया इंकार

बरौनी रिफाइनरी में मजदूर और प्रबंधन आमने-सामने, प्रबंधन का शर्त मानने से मजदूरों ने किया इंकार

BEGUSARAI : देश के अग्रणी रिफाइनरी में से एक बरौनी रिफाइनरी में मजदुर और प्रबंधन के बीच का खींचतान अब आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. बरौनी प्रबंधन जहाँ अपनी शर्तों पर मजदूरों से काम कराना चाहता है. वही मजदूर प्रबंधन के आदेश को मानने को तैयार नही है.  मजदूरों का आरोप है कि बरौनी प्रबंधन सिर्फ उनसे सुबह 8 बजे से लेकर रात आठ बजे तक मशीन की तरह काम करवाए और बदले में उन्हें न कोई सुविधा दी जाती है और न ही समय पर मजदूरी. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज बरौनी रिफाइनरी के ठेका मजदूरों ने जमकर बवाल काटा और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. देखते ही देखते नारेबाजी धरना और प्रदर्शन में तब्दील हो गया. जहां पांच से छह हजार मजदूर काम का बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर बैठ गए. प्रबंधन द्वारा इन्हें मनाने की बहुत कोशिश की गई. लेकिन मजदूर देर शाम तक मानने को तैयार नहीं हुए. 

आज के इस प्रदर्शन मे तकरीबन 6 हज़ार ठेका मजदूर शामिल थे. जिन्होंने काम का बहिष्कार करते हुए धरना और प्रदर्शन किया. आज  मजदूरों के विशाल धरना और प्रदर्शन के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि बरौनी रिफाइनरी प्रबंधन और यहाँ काम करने वाले मजदूरों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. मजदूरों ने बरौनी रिफाइनरी के उस आदेश के खिलाफ  धरना और प्रदर्शन पर उतारू हो गए. जिसमें बरौनी रिफाइनरी ने ठेका मजदूरों को सुबह 8:00 बजे से लेकर 8:30 बजे तक ही प्रवेश करने का आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर ठेका मजदूरो को प्रवेश पर वर्जित करने का आदेश प्रबंधन ने सुनाया है. लेकिन मजदूर रिफाइनरी के इस आदेश को जायज नहीं मानते हैं. मजदूरों का आरोप है कि इस आदेश में यह भी लिखा गया है कि मजदूर जो अंदर काम करने जाएंगे वह रात 8:00 बजे से पहले वापस नहीं आ सकते हैं. मजदूरों का कहना है कि यहां काम करने वाले मजदूर काफी दूरदराज से आते हैं. इस तुगलकी फरमान के बाद उन्हें काम करने में काफी परेशानी होगी. 

मजदूरों का कहना है कि एक तो उन्हें तीन चार महीने के बाद मजदूरी का आधा रुपया दिया जाता है. वही प्रबंधन के द्वारा अंदर में न तो बैठने की व्यवस्था है ना तो कोई सुविधा   की व्यवस्था है. और तो और समुचित पानी पीने की भी व्यवस्था नही है. मजदूरों का कहना है कि उनको सुविधाएं नहीं मिल रही है पर रिफाइनरी प्रबंधन चुपचाप है. ठेकेदारों के अंदर में काम करने वाले यह मजदूर खुद को काफी थका हुआ महसूस कर रहे हैं. आज इनका गुस्सा उस वक्त सामने आया जब इन्हें बरौनी रिफाइनरी में प्रवेश के लिए रोका गया. वही प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने ठेकेदार, सुपरवाइजर और मजदूरों को 2 सप्ताह पहले ही इसकी सूचना दे दी थी. इसके बाद आज इस नियम को कड़ाई से पालन कराया गया. प्रबंधन का कहना है कि यह सुरक्षा दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण आदेश है. अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी मजदूर को कोई समस्या है तो वह पर्सनली मिल सकते हैं. उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. साथ ही साथ उनकी सभी मांगों पर विचार किया जाएगा.

बेगूसराय से कृष्णा की रिपोर्ट 

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