बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, यहां ट्रैक्टर से कराए जा रहे हैं मनरेगा के काम, जिम्मेदार लोगों को कोई मतलब नहीं

मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, यहां ट्रैक्टर से कराए जा रहे हैं मनरेगा के काम, जिम्मेदार लोगों को कोई मतलब नहीं

SUPAUL : महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना राशि की लूट की छूट इस प्रकार है कि मजदूरों की मजदूरी पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। सरकार ने बेरोजगारी दूर करने एवं पलायन रोकने के लिए मनरेगा चला रखी है। लेकिन मनरेगा कर्मी, मुखिया सरकार के आदेश को ताक पर रखते हुए मनरेगा  कार्य में मजदूरों के स्थान पर ट्रैक्टरों से मिट्टी ढुलाई कर स्कूल परिसर में मिट्टी भराई का काम करा रहे हैं जिस मनरेगा  से हिन्दुस्तान की तस्वीर बदलने का दावा किया गया, उसकी जमीनी हकीकत आप देखेंगे तो चौंक जाएंगे. 

ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र के कोरियापट्टी पश्चिम पंचायत से आ रही है. जहां मध्य विद्यालय परवाहा परिसर में  मिट्टी भराई कर सोलिंग का काम किया जाना था। जो मुखिया रमान्द यादव एवं बिचौलिया के द्वारा मनरेगा योजना से मिट्टी भराई कार्य ट्रैक्टर से किया गया। जिसकी प्राक्कलित राशि एक लाख उन्तीस हजार की है. बड़ी उम्मीद था  केंद्र सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजना हर मजदूरों को रोजगार मिले। इसको लेकर मनरेगा योजना के तहत लेबर कार्ड बना कर पंचायत में कार्य कराकर मजदूरों को रोजगार देना है, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत आप भी देखेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे। जब हमने कोरियापट्टी पश्चिम पंचायत के रोजगार सेवक मणिकांत से पूछा गया उन्होंने भी स्वीकार किया है यह योजना ट्रैक्टर से की गई। अब सवाल उठता है इस तरह की भ्रष्ट मुखिया पर सरकार की महत्वकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने के लिए मंशा पूरी हो पाएगी। जबकि इस योजना में सत्य प्रतिशत मजदूरों को काम देने के लिए सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर लाया गया है। सैकड़ों हजारों मजदूरों को इस योजना में कार्य करने के लिए जॉब कार्ड बनाया गया है। बावजूद ऐसे लोगों को कार्यो से वंचित रखा जा रहा है।


 इस बावत मजदूरों ने कहा कि इन दिनों क्षेत्र सुखाड़ से प्रभावित है। जॉब कार्डधारी सरकार व विभाग से स्थानीय मजदूर काम की मांग कर रहे हैं। यह कार्य विभागीय कर्मियों व जनप्रतिनिधियों की वजह से हो रहा है। यही वजह से मजदूरों को मनरेगा में रोजगार नहीं मिल रहा है। जिसके कारण गांव के मजदूरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को खानपान पर आफत आ रही है। आए दिन गांव से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। क्या इस तरह के भ्रष्ट मुखिया पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जो खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर अमीर बनने का सपना देखते हैं और सरकार की महत्वकांक्षी योजना को बदनाम करने में जुटे हुए है. 

इधर शिवसेना के उत्तर बिहार प्रमुख रामदेव यादव ने कोरियापट्टी पश्चिम पंचायत में मनरेगा योजना में हो रही धांधली को लेकर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने जिलाधिकारी इस तरह के मुखिया पर कठोर कार्रवाई की मांग की है. कहां इस पंचायत में मुखिया के द्वारा किए गए कार्यों की जांच की जाए। मामले को लेकर पीओ विजय कुमार नीलम ने बताया कि मालूम हुआ है. जांच की जा रही है.अब देखना दिलचस्प होगा कि इस तरह के भ्रष्ट मुखिया पर कब तक कार्यवाई हो पाती है. इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी मामला सामने आया है इन मुखिया पर पर्दा उठाना बाकी है.


Suggested News