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अपार्टमेंट में शटरिंग का काम कर रहे मजदूर आठवीं मंजिल से गिरा, मौके पर ही मौत, मुआवजे की मांग पर धरने पर बैठे मजदूर

अपार्टमेंट में शटरिंग का काम कर रहे मजदूर आठवीं मंजिल से गिरा, मौके पर ही मौत, मुआवजे की मांग पर धरने पर बैठे मजदूर

पटना. दानापुर थाना अंतर्गत आशापुर एक्वा सिटी अपार्टमेंट के आठवीं मंजिल से गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ जब मजदूर आठवीं मंजिल पर चढ़कर शटरिंग खोलने का काम कर रहा था। घटना के बाद वहां काम कर रहे सभी मजदूर आक्रोशित हो उठे और मृतक के शव को एक्वा सिटी गेट पर रखकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस को भी मजदूरों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।

मिली जानकारी के अनुसार लखीसराय के कोहली गांव निवासी राजू महतो 35 वर्ष पिता स्वर्गीय राधे महतो पिछले कुछ दिनों से एक्वा सिटी अपार्टमेंट में महेश पासवान ठेकेदार के अंदर काम कर रहे थे। बुधवार की दोपहर राजू महतो आठवीं मंजिल पर चढ़कर शटरिंग खोलने का काम कर रहा था। इसी क्रम में अचानक अनियंत्रित होकर राजू महतो नीचे जमीन पर आ गिरा। जमीन पर गिरते ही राजू की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद वहां काम कर रहे सभी मजदूर काम बंद करके मृतक राजू महतो के पास पहुंचे और जमकर बवाल शुरू कर दिया।

मजदूरों ने राजू महतो का शव मुख्य गेट पर रखकर पूरी तरह गेट को अवरुद्ध कर दिया। घटना की सूचना पाकर पहुंचे पुलिस को दी मजदूरों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। मजदूरों ने मांग करते हुए कहा कि यहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए ठेकेदार मृतक के परिजनों को अविलंब मुआवजा स्वरूप ₹4लाख की राशि प्रदान करें, तब ही राजू महतो के शव को पोस्टमार्टम के लिए जाने देंगे। वहीं दूसरी तरफ कंपनी के एक व्यक्ति से बात करने पर बताया कि वह मृतक के परिजनों को अभिलंब ₹1 लाख कैश देने को तैयार है, जबकि पत्नी को भी दो लाख रुपए प्रदान करने पर राजी है, लेकिन मजदूरों का यह मानना है कि ठेकेदार की यह घोषणा महज छलावा है और जब तक उन्हें मुआवजा की राशि पूरा नहीं मिलेगा, तब तक वह किसी कीमत पर शव को पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे।

मजदूरों ने बताया कि राजू महतो घर का एक ही ऐसा सदस्य था, जिसकी कमाई से भरण-पोषण उनके और उनके परिजनों का चलता था। मजदूरों ने बताया कि राजू महतो की पत्नी और उनकी 4 बेटियां अब किसके सहारे जीवन यापन करेगी। समाचार लिखे जाने तक मजदूर एक्वा सिटी गेट पर कड़ाके की ठंड में भी जमे थे और उनका यह कहना है कि जब तक मुआवजे की राशि नहीं मिलती है, तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे।

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