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बीएन मंडल यूनिवर्सिटी में सीबीसीएस प्रणाली पर हुआ वर्कशॉप का आयोजन...

बीएन मंडल यूनिवर्सिटी में सीबीसीएस प्रणाली पर हुआ वर्कशॉप का आयोजन...

MADHEPURA : बीएनएमयू में संसाधनों की कमी है. इसके बावजूद हम हर क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं. हमारा विश्वविद्यालय लगातार आगे बढ़ रहा है. यह बात कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने कही. वे बुधवार को सीबीसीएस प्रणाली से संबंधित वर्कशॉप का उद्घाटन कर रहे थे. यह आयोजन सीबीसीएस से संबंधित पाठ्यक्रम एवं नियम- परिनियमों के संबंध में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विज्ञान संकाय सभागार, उत्तरी परिसर में किया गया था. 

कुलपति ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर सत्र 2018-20 से सीबीसीएस पद्धति या प्रणाली लागू की गई है. हमारे यहाँ सत्र 2018 में नामांकन हो रहा है. यह प्रक्रिया लगभग पूरी होने को है. इस विश्वविद्यालय में भी अब स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई सीबीसीएस पैटर्न पर होनी है. इसके लिए राजभवन से अनुमोदित रूल्स एवं रेगुलेशंस और सभी विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध करवा दिए गए हैं. नई पद्धति या प्रणाली को समझने की आवश्यकता है और इसके लिए शिक्षकों एवं छात्रों को आगे आना है. कुलपति ने कहा कि स्नातक का सत्र जून 2020 तक और स्नातकोत्तर का दिसंबर 2020 तक नियमित करने का लक्ष्य है.  

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के हितों का हमेशा ख्याल रखना है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हमारी और हम सब की प्राथमिकता है. विश्वविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं  कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्त करना है. हम सबों को मिलकर इस दिशा में और सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि हमारे विद्यार्थी अपने सफलता की मंजिल को आसानी से पा सकें. इससे ना केवल विश्वविद्यालय का मान बढ़ेगा, बल्कि हमारे शिक्षकों का भी सम्मान बढ़ेगा. 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रति कुलपति डॉ. फारूक़ ने कहा कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का औजार है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही समाज में परिवर्तन होगा. प्रति कुलपति ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय निरंतर प्रगतिपथ पर अग्रसर है. हमारा सत्र शीघ्र ही नियमित हो जाएगा. हम सीसीसीएस प्रणाली को भी बखूबी लागू करेंगे. यहाँ की सामाजिक जरूरतों और संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप कोर्स शुरू किया जाएगा. 

इस एक दिवसीय कार्यशाला के दूसरे सत्र में विस्तृत रूप से सभी उपस्थित लोगों को सीबीसीएस प्रणाली से संबंधित सभी आयामों पर विशेष जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के 3 वरीय प्रोफेसरों  को नामित किया गया था. इनमें जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र श्रीवास्तव, रसायनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉ. नरेश कुमार एवं मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. एम. आई. रहमान शामिल थे. तीनों विशेषज्ञों ने सीबीसीएस के विभिन्न आयामों पर अपने विचार रखे और ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशंस के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया. 

इस अवसर पर कुलानुशासक डॉ. अशोक कुमार यादव, आईक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ. मोहित कुमार घोष,  सिंडीकेट सदस्य डॉ.. जवाहर पासवान, जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. राजकुमार सिंह, डॉ.. बी. एन. विवेका, डॉ. मनोरंजन प्रसाद, डॉ.. कामेश्वर कुमार, डॉ. सीताराम शर्मा, शिवशंकर कुमार, डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप, प्रज्ञा प्रसाद सहित विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक, शोधार्थी एवं विधार्थी उपस्थित थे. 

मधेपुरा से मेराज आलम की रिपोर्ट

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