DESK : इंटरनेट की दुनिया से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। उनकी इंटरनेट की स्पीड और बढ़ने जा रही है। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विस देने के लिए लाइसेंस मांगा है। भारत में इन सर्विसेज के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस जरूरी है। इसे डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) प्रोवाइड करता है। स्टारलिंक ब्रांड के तहत मस्क की कंपनी स्पेसएक्स इन सर्विसेज को देती है।
बनेगी तीसरी कंपनी
स्टारलिंक GMPCS लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली तीसरी कंपनी है। इससे पहले एयरटेल बैक्ड वनवेब और जियो की सैटेलाइट आर्म जियो स्पेस टेक्नोलॉजी इसके लिए आवेदन कर चुकी है। भारत के स्पेस इंटरनेट सेगमेंट के भीतर स्टालिंक के आने से एयरटेल, जियो और अमेजन को तगड़ा कॉम्पिटिशन मिलेगा। EY-ISpA की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक ये मार्केट 13 अरब डॉलर का हो सकता है।
स्टारलिंक ने पहले भी की थी कोशिश
स्टारलिंक की पिछले साल भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना थी और उसने मार्च 2021 के आसपास प्री-बुकिंग लेना शुरू कर दिया था। कंपनी ने भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से ब्रॉडबैंड सेवाओं को डिलीवर करने के लिए मंजूरी मांगी थी। हालांकि, नवंबर 2021 में DoT ने यह कहते हुए हस्तक्षेप किया कि स्टारलिंक को भारत में काम करने के लिए सभी आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने होंगे। जिसके कारण मामला अटक गया था। DoT ने भारतीय यूजर्स को $99 (INR 7,500 प्रति पिछले वर्ष की विनिमय दरों) की प्री-बुकिंग राशि वापस करने का आदेश भी दिया था। 1 दिसंबर 2021 तक, स्टारलिंक ने सभी यूजर्स को रिफंड करते हुए, प्री-बुकिंग बंद कर दी थी।
कई अन्य अनुमतियों की भी जरूरत
भारत में सैटेलाइट बेस्ड बॉडबैंड सर्विस देने के लिए GMPCS लाइसेंस के अलावा कई अन्य अनुमतियों की भी जरूरत होती है। स्टारलिंक को अपनी सर्विस प्रोवाइड करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस से अप्रूवल और सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम लेना होगा। चूंकि कंपनी को भारत में ग्राउंड बेस्ड सैटेलाइट गेटवेज की भी जरूरत होगी, इसलिए उसे इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथोराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) का भी अप्रूवल चाहिए होगा।
स्टारलिंक के पास सबसे बड़ा कॉन्स्टेलेशन
स्टारलिंक के पास दुनिया में सबसे बड़ा स्पेस ब्रॉडबैंड कॉन्स्टेलेशन है, जिसमें 3,451 सैटेलाइट लॉन्च किए गए हैं। इनमें से 2,700 से ज्यादा सैटेलाइट इस वक्त ऑपरेशन में हैं। कंपनी की 12,000 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है। वहीं एयरटेल के पास परसेंटेज डिप्लॉयड और कवरेज के मामले में सबसे डेवलप्ड सेटैलाइट कॉन्स्टेलेशन है। जियो ने सैटेलाइट इंटरनेट के लिए ग्लोबल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर SES के साथ हाथ मिलाया है।