KISHANGANJ : जिला मुख्यालय स्थित किशनगंज का नामचीन कॉलेज, जो आज अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं. हम बात कर रहे हैं शहर के मारवाड़ी कॉलेज का जो आज अपनी बदहाल स्थिति पर आंसू बहाने पर मजबूर हैं.
1960 में बना यह कॉलेज अब तक 58 साल का एक लंबा अरसा पूरा कर चुका है लेकिन अब तक कोई बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. सिर्फ नामांकन केंद्र बनकर रह गया है यह कॉलेज। छात्र छात्राएं कॉलेज केवल नामांकन, फॉर्म फिलअप, और रजिस्ट्रेशन के लिए ही कॉलेज आते हैं, क्लासेज की कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. क्योंकि कॉलेज में आवश्यकता अनुसार शिक्षक ही नहीं है. बच्चों को इस सरकारी कॉलेज में नामांकन लेने के बावजूद बाहर क्लास करना पड़ता है. ये कारण है कि जिले के छात्र किसी भी तरह से मैट्रिक, इंटर पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दम तोड़ देते हैं.
लेकिन कॉलेज की बदहाल स्थिति की जिम्मेदारी न तो कॉलेज प्रशासन ले रही हैं और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधि ले रहे हैं. यहां की छात्र- छात्राओं ने भी अपनी शिक्षा को लेकर सरकार एवं कॉलेज प्रशासन से गुहार लगाई है पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
कॉलेज की बदहाली पर जब हमने प्रिंसिपल से बात किया तो उनका कहना और स्टूडेंट का कहना बिलकुल अलग था. प्रिंसिपल का कहना है कि जिस विषय में शिक्षक हैं उसकी पढ़ाई होती हैं और जिस विषय मे शिक्षक नहीं है वह सब सेल्फ स्टडी करके पढ़ते हैं.