कैमूर: एक तो कोरोना का कहर और दूसरी तरफ आपदा में अवसर बनाने को आतुर लोग। इंसानियत इस कदर खत्म हो गयी कि पैसे लेने के बाद भी उन यात्रियों के बीच रास्ते में उतार दिया गया, जो अपने घर जाने के लिए आतुर थे।
दरअसल पूरी खबर कैमूर जिले की है, जहां बिहार-यूपी बॉर्डर पर बुधवार को दर्जनों मजदूर कैमूर की तरफ आते दिखे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि सभी 71 मजदूर बिहार के निवासी हें और गुजरात के विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करते हैं। मजदूरों ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि दो मई से लॉकडाउन लगने वाला है। जिसके बाद वह अपने घर के लिए निकल पड़े। पहले तो बिहार आने के लिए उनको टिकट नहीं मिला, तब उन्होंने भाड़े पर बस को बुक किया।
बस मालिक ने गुजरात से बिहार के गया और पटना लाने के लिए प्रति यात्री बाइस सौ रुपये वसूले। बिहार आने के क्रम में बस यूपी व एमपी में खराब भी हो गयी। जिससे सभी यात्री पांच दिन बाद गुजरात से यूपी- बिहार बॉर्डर पहुंचे। यहां आने के बाद बस वाले ने यह कह कर सभी यात्रियों को रात में एक बजे उतार दिया कि बिहार में जाने का परमिट नहीं है। इसलिए वह आगे नहीं जा सकता और वापस चला गया।