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बंजारों की ऐसी सामूहिक शादी नहीं देखी होगी आपने, यहां नहीं चलते नाबालिकों के शादी कराने के सरकारी कानून

बंजारों की ऐसी सामूहिक शादी नहीं देखी होगी आपने, यहां नहीं चलते नाबालिकों के शादी कराने के सरकारी कानून

HAJIPUR : सामूहिक शादियां आपने कई बार देखी होगी। कभी सरकार द्वारा, कभी सामाजिक संस्थाओं की तरफ से ऐसी शादियां आयोजित की जाती हैं। लेकिन शायद ही कभी बंजारों की सामूहिक विवाह की बातें सामने आती हैं। वैशाली जिले औद्योगिक थाना क्षेत्र के, चकमकरंद में ऐसी ही सामूहिक शादी शादी समारोह का आयोजन किया गया। इस खुशी में बंजारों ने जमकर जश्न मनाया। डासंरों के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

तीन दिन पहले हुई थी शादी

बंजारों की इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन तीन दिन पहले की बतायी जा रही है। जहां विवाह के दौरान बंजारों ने नाच गाने का जमकर लुत्फ उठाया। जिसमें महिला डांसरों के कार्यकम भी शामिल थे। इस  दौरान बिहार के अलग अलग जिलों से बाराती यहां पहुंचे थे।  कहने के लिए यह खुशी का समारोह था, लेकिन इसके साथ बंजारों ने सरकारी व्यवस्था को लेकर अपना दुख भी जाहिर किया। 

14 साल की उम्र में बन  गई दुल्हन

इस सामूहिक शादी में शामिल लोगों ने बताया कि यहां 14 साल की उम्र की बच्चियों की भी शादी हुई है। लेकिन यहां एक परंपरा है कि शादी के तत्काल बाद उनकी विदाई नहीं कराई जाती है। इसके लिए पांच साल तक इंतजार किया जाता है। लड़की के बड़ी होने के बाद ही उसे विदा करने की परंपरा है। 

महादलित में पिछड़े समुदाय से आते हैं यह लोग

मूल रूप से बंजारों की इस जाति को धाम कहा जाता है। जो कि महादलित में भी पिछड़े वर्ग से आते हैं। जहां तमाम सरकारी योजनाएं इन्हीं लोगों के लिए बनाई जाती है।  लेकिन धाम जाति के इन बंजारों को अब तक सरकारी सुविधाएं नहीं मिल सकी है। जिसको लेकर इनमें नाराजगी भी जाहिर की। स्थायी घर नहीं होने के कारण आज भी इनका ठिकाना सड़क किनारे बने टेंट ही होते हैं।


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