Motihari: दशहरा को लेकर स्वास्थ्य विभाग को जिलाधिकारी ने हाई अलर्ट पर रखा था. लेकिन मोतिहारी सदर अस्पताल की हालत ये है कि बाईक दुर्घटना में जख्मी दो लोगों को स्थानीय ग्रामीणों ने जब सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया, तो इलाज के अभाव में एक युवक की मौत हो गई. जबकि एक युवक जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है और उसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. लिहाजा,जब जख्मियों के जान-पहचान वाले अस्पताल पहुंचे. तब उनलोगों ने हो-हल्ला भी मचाया.
पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली थाना क्षेत्र स्थित छपरा बहास में एक तेज रफ़्तार से आ रहे बाईक चालक ने ट्रैक्टर में जोरदार टक्कर मार दी. जिसके कारण बाईक पर सवार दो युवक जख्मी हो गए. जिन्हें स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से सदर अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया और पुलिस को सूचना भी दी गई. दोनों युवको को जब ग्रामीण अस्पताल लाये. तो एक युवक की मौत इलाज के क्रम में हो गई. जिसकी पहचान नेपाल के कलैया जिले का रहने वाला बकुलहर का रहने वाले दीपेश कुमार के रूप में हुई है. जबकि उसके साथ बाईक पर सवार दुसरे जख्मी की पहचान नहीं हो पाई है. जिसे अभी होश नहीं आया है. चिकित्सक ने दुसरे जख्मी को रेफर कर अपने कर्तव्यो को पूरा कर लिया है.बताया जाता है कि दीपेश अपने घर से दवा लेने मोतिहारी आ रहा था.तभी यह घटना घटी.
इधर मृतक दीपेश के मोतिहारी में रहने वाले कुछ रिश्तेदारों को जब घटना की जानकारी मिली, तब वे अस्पताल पहुंचे और चिकित्सको को खोजा तो एक चिकित्सक ड्यूटी पर मिला. जिन्होंने जख्मी को देखकर पुर्जा बना दिया.लेकिन जख्मी को सुई देने और ड्रेसिंग करने वाला कोई चिकित्साकर्मी मौजूद नहीं था.लिहाजा,वे लोग आक्रोशित हो गए और हो-हल्ला करने लगे.उनलोगों ने बताया कि जख्मी मरीज छटपटा रहा है.लेकिन कोई देखने नहीं आ रहा है.कई जगह पर जख्मी को जख्म लगा हुआ है.लेकिन उसके ड्रेसिंग करने वाले को खोजने पर भी नहीं मिल रहा है.उनलोगों ने अपना आक्रोश सरकार के प्रति भी जताया.
बहरहाल,स्वास्थ्य मंत्री के दावे और सदर अस्पताल के जमीनी हकीकत में जमीन-आसमान का अंतर है.क्योंकि दशहरा को लेकर स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रहने की बात कही जा रही थी.लेकिन सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में एक मरीज की मौत हो चुकी है और दूसरा जख्मी के करीब धीरे-धीरे मौत अपना दस्तक दे रही है.ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन के दावे एक रूटीन वर्क के समान ही दिख रहा है.