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दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के बेटे की 26 वर्ष की आयु में निधन, इस बीमारी ने ली जान

दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के बेटे की 26 वर्ष की आयु में निधन, इस बीमारी ने ली जान

DESK : कहते हैं एक इंसान को हर प्रकार की खुशी नहीं मिल सकती है। दौलत है, शोहरत है, प्रतिष्ठा है, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के सीईओ के पद पर हैं, लेकिन जिनके लिए यह कामयाबी हासिल की, अब वही साथ छोड़ गया है। यह कहानी है माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला की। जिनके 26 वर्षीय बेटे जेन नडेला (Zain Nadella) की सोमवार को मौत हो गई। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एक्सीक्यूटिव स्टाफ को एक ईमेल में इसकी जानकारी दी.

जैन नडेला सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से ग्रसित थे और उनकी उम्र महज 26 साल थी। 2014 से माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ के पद पर कायम सत्य नडेला कई बार कहते रहे हैं कि उनके कामयाब करियर में बेटे जेन का बहुत योगदान है। जेन को वह अपने लिए लकी मानते थे। एक बार उन्होंने कहा था, 'जेन के पैदा होने के बाद मेरे लिए चीजें बदलने लगीं. उसके जन्म ने हर चीज पर असर किया. मैं कैसे सोचता हूं, कैसे लीड करता हूं और किस तरह लोगों से रिलेट करता हूं...ये सब जैन के आने से बदल गया।

टेक्नोलॉजी पसंद था जैन

सत्या नडेला की पत्नी अनु नडेला ने एक बार कहा था कि उनके बेटे जेन को बचाने में टेक्नोलॉजी का अहम योगदान रहा. इस कारण उनके परिवार में टेक्नोलॉजी को काफी वैल्यू दी जाती है. उन्होंने कहा था कि उनके घर में बेटे जैन, दोनों बेटियों और सत्या नडेला हमेशा ही आपस में टेक्नोलॉजी पर बातचीत किया करते थे। मौत से पहले जैन का इलाज चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल में चल रहा था। अस्पताल प्रबंधन ने भी जैन के निधन पर शोक जाहिर किया है। हॉस्पिटल के सीईओ जेफ स्पेरिंग ने बोर्ड से एक मैसेज में कहा, 'जेन को म्यूजिक की पसंद के लिए याद किया जाएगा. उनकी शानदार मुस्कान से हर उस इंसान को खुशी मिलती थी, जो उनसे प्यार करते थे.

जन्म से बीमारी से ग्रसित, डॉक्टर ने कह दिया जिंदगी भर मां-पिता पर रहेगा निर्भर

जैन को सेरेबल पॉल्सी की बीमारी जन्म के साथ ही मिली।  नडेला की पत्नी अनुपमा ने अपनी प्रेगनेंसी के 36वें सप्ताह के दौरान देखा कि बच्चा उतना नहीं हिल रहा था जितना उसे मूव करना चाहिए। तब उन्होंने बेलेव्यू के एक लोकल हॉस्पिटल में विजिट किया। अनुपमा-नडेला का सोचना एकदम सही था। डॉक्टर ने इमरजेंसी के चलते अनुपमा का ऑपरेशन किया और महज 3 पाउंड (करीब 1.3 किलोग्राम) के जेन को डिलीवरी के बाद गर्भ से बाहर निकाला गया। डिलीवरी के बाद जेन रोया नहीं।

जेन को पैदा होने के बाद सिएटल चिल्ड्रन हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। जहां नवजात को इनटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया। कुछ सालों के बाद नडेला को पता चला कि गर्भाशय के श्वासावरोध ने जेन को नुकसान पहुंचाया था। अब गंभीर सेरेब्रल पाल्सी के कारण उन्हें व्हीलचेयर की जरूरत रहेगा। उन्हें जिंदगीभर अपने माता-पिता पर निर्भर रहना होगा।


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