Bihar News: पटना जिले के बिहटा में जमीन अधिग्रहण में करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया है. अंचल से लेकर भू-अर्जन के अधिकारी-कर्मियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा किया गया है. दर्जनों किसानों की अधिग्रहित जमीन के बदले राशि को दूसरे के खाते में भेजकर फर्जीवाड़ा किया गया है. जांच में सब कुछ क्लियर हो गया है. बिहटा मेगा औद्योगिक पार्क(भूमि बैंक) के अधिग्रहित जमीन में माफिया और सरकारी कर्मियों ने मिलकर बड़ा खेल किया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराई. जांच में साबित हो गया कि भू-माफिया और सरकारी सेवकों ने बड़ा खेल किया है. अब जांच रिपोर्ट पटना जिलाधिकारी को भेजी गई है. समाहर्ता से कहा गया है कि आप इस खेल में शामिल बाहरी व्यक्ति और सरकारी कर्मी-अधिकारी के खिलाफ समय सीमा के अंदर कार्रवाई करें .
माफियाओं पर कार्रवाई करें पटना डीएम
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के भू-अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने 29 अक्टूबर 2024 को पटना के समाहर्ता को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि बिहटा अंचल के मौजा सिकंदरपुर थाना नंबर-51 में बिहटा मेगा औद्योगिक पार्क (भूमि बैंक) के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है. इस फर्जीवाड़े की जांच को लेकर विभागीय स्तर पर अपर सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की अध्यक्षता में चार सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने अपना जांच प्रतिवेदन दिया है. जिसमें भारी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. ऐसे में आप उच्च स्तरीय जांच कमेटी के प्रतिवेदन के आलोक में वैसे अभिलेख जिनका जांच के समय समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है, वैसे अभिलेख की भी जिला स्तर पर समीक्षा करें. साथ ही पूर्व में दायर नीलाम पत्र में सन्निहित राशि की वसूली की कार्रवाई करें. जांच प्रतिवेदन के आलोक में दोषी व्यक्ति, कर्मियों एवं पदाधिकारी को चिन्हित कर उनके खिलाफ समयसीमा के अंदर आरोप पत्र गठित कर कार्रवाई करें. कार्रवाई की रिपोर्ट राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को उपलब्ध कराएं.
चार सदस्यीय हाईलेवल कमेटी का किया गया था गठन
बता दें, शिकायत मिलने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहटा के सिकंदरपुर मौजा के किसानों के भू-अर्जन की जांच को लेकर विभागीय अपर सचिव अरूण कुमार सिंह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. विभाग ने यह पत्र 30 अप्रैल 2024 को जारी किया था. कमेटी में सीतामढ़ी के भू-अर्जन पदाधिकारी विकास कुमार, गोपालगंज के भू-अर्जन पदाधिकारी संजीव कुमार और उप निदेशक कृषि गणना, अजय श्रीवास्तव को जांच कमेटी का सदस्य बनाया था.