Political News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि उनका कभी भी ‘इंडिया आउट’ का कोई एजेंडा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मालदीव में विदेशी सेना की उपस्थिति एक गंभीर समस्या है और उनके देश के लोग अपनी जमीन पर एक भी विदेशी सैनिक नहीं चाहते। यह बयान उन्होंने अमेरिका में प्रिंसटन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम ‘डीन्स लीडरशिप सीरीज‘ में दिया, जहां उन्होंने कहा कि मालदीव किसी भी देश के खिलाफ नहीं है।
भारत और मालदीव के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी जटिल हो गए हैं। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने से पहले, मालदीव की राजनीति भारत समर्थक रही थी, लेकिन मुइज्जू ने चीन के प्रति झुकाव दिखाते हुए सत्ता संभाली। नवंबर 2023 में राष्ट्रपति बनने के बाद, उन्होंने भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश दिया था, जो कि भारत द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात थे।
मुइज्जू ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने वाले अपने उप मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। यह कदम भारत-मालदीव संबंधों को सुधारने की दिशा में उठाया गया था, क्योंकि इस तरह की टिप्पणियों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
मुइज्जू ने यह भी कहा कि वह जल्द ही भारत यात्रा करने की योजना बना रहे हैं और दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की इच्छा व्यक्त की है। उनका कहना है कि मालदीव और भारत बहुत अच्छे दोस्त हैं और उनके बीच अच्छे द्विपक्षीय संबंध हैं।
मुइज्जू ने अपने बयान से यह स्पष्ट किया है कि उनका ‘इंडिया आउट’ का कोई एजेंडा नहीं था और वह अपने देशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हैं।