तिरुपति बालाजी मंदिर अभी प्रसादी को लेकर विवादों से घिरा हुआ है। आए दिन इस मामले पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है। यहां बनने वाले प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी का मामला दिन ब दिन तूल पकड़ता जा रहा है। मंदिर में बनने वाला लड्डू प्रसाद भगवान को भोग के तौर पर चढ़ाया जाता है और फिर लोगों में प्रसाद की तरह बांटा जाता है। अब अगर आपने भी ये प्रसाद खाया है तो आपकी आस्था को भी ठेस पहुंचा है।
वहीं, अगर आप शाकाहारी हैं और आपको लगता है कि आपसे अनजाने में कोई भूल हो गई है। आपका शरीर अपवित्र हो गया है, तो परेशान न हों। आप शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की कही इस बात का अनुसरण कर अपनी गलतियों का प्रायश्चित कर सकते हैं।
बालाजी लड्डू मामले को लेकर ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने टिप्पणी की है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने इस मामले को लेकर प्रायश्चित करने का उपाय बताया है। उन्होंने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट शेयर किया है, जिसमें वे चर्बी वाला प्रसाद खाने वालों के लिए प्रायश्चित करने का सॉल्यूशन बता रहे हैं।
उन्होंने ‘ॐ यत्व्य गति गतं पापं | तिष्ट्ता मामवे || प्राश नाम पंच् गव्याच| दहत्वग्नी रिवेंर्दम ||’ वे पंचगव्य का प्राशन करने की बात कहते हैं। वे वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि हमारे यहां पहले से शास्त्रों में ये व्यवस्था दी है कि अगर भूल-चूक से कोई दोष शरीर में प्रेवश कर जाए और अस्थी यानी हड्डी तक भी पहुंच गया है, तब भी पंचगव्य में वो ताकत है, जैसे आग में ईंधन डालने पर ईंधन को आग समाप्त कर देती है, ठीक वैसे ही पंचगव्य का पान कर लिया जाए तो इससे शरीर के अंदर छिपा हुआ पाप नष्ट हो जाता है। ऐसे में पहले पंचगव्य का प्राशन करें। तभी आपके द्वारा भूल से हुई गलतियों का आप प्रायश्चित कर सकेंगे और खुद को पवित्र बना सकेंगे। आपके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे. ।गौ माता तभी आपके पाप को हटा सकेगी।