नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। इस दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरुप की पूजा-आर्चना की जाती है। महा सप्तमी के दिन मां दुर्गा के इस विकराल रूप की पूजा होती है और भक्त उनसे अपने दुखों को दूर करने का आशीर्वाद मांगते हैं।
मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है। साथ ही ये देवी अपने भक्तों को सदैव शुभ फल प्रदान करती हैं। इस कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि की पूजा-आराधना से भय और रोग का नाश होता है। साथ ही भूत प्रेत, अकाल मृत्यु, शोक आदि सभी परेशानियां समाप्त होती हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए उनका भोग और मंत्र जाप के बारे में।
मां दुर्गा के सातवे स्वरूप मां कालरात्रि तीन नेत्रों वाली देवी हैं। राक्षस रक्तबीज का वध करने वाली मां कालरात्रि का रंग घने अंधककार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। मां कालरात्रि का वाहन गर्दभ है। नवरात्र के सातवें दिन आपको रॉयल ब्लू यानी नीले रंग का वस्त्र धारण करना है। रॉयल ब्लू रॉयल्टी, लालित्य और धन का प्रतीक है और मां काली से जुड़ा हुआ है।
मां दुर्गा के सातवें स्वरूप को प्रसन्न करने के लिए आप उन्हें गुड़ और गुड़ से बने पकवानों का भोग लगा सकते हैं। आप चाहें तो मां कालरात्रि के भोग के लिए गुड़ की चिक्की बना सकते हैं। यहां हम आपको भोग तैयार करने की विधि बताने जा रहे हैं। मां कालरात्रि की स्तुति मंत्र, या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥