Planet is full of gold: सोना हमारे ग्रह पर एक दुर्लभ और महंगी धातु है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सौरमंडल में एक ऐसा क्षुद्रग्रह है जिसे वैज्ञानिक "गोल्ड प्लेनेट" के नाम से भी जानते हैं। यह असल में ग्रह नहीं है, बल्कि एक क्षुद्रग्रह है, जिसका नाम 16 साइकी है और यह मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित है। इस क्षुद्रग्रह पर सोने के अलावा कई अन्य बहुमूल्य धातुएं भी पाई जाती हैं।
16 साइकी: सोने का भंडार
16 साइकी को 17 मार्च 1852 में इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस ने खोजा था। हालाँकि, उस समय यह जानकारी नहीं थी कि इस पर बड़ी मात्रा में सोना मौजूद है। जब वैज्ञानिकों ने उन्नत तकनीक के जरिए इसका अध्ययन किया, तो पता चला कि यह क्षुद्रग्रह सोने, निकल, प्लैटिनम और लोहे जैसी बहुमूल्य धातुओं से भरा हुआ है।
यह क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है और इसे अपनी कक्षा का एक चक्कर पूरा करने में करीब पाँच पृथ्वी वर्षों का समय लगता है। 16 साइकी का कोर मुख्यतः निकल और लोहे से बना हुआ है, जिससे यह एक मृत ग्रह का कोर माना जाता है।
साइकी पर मौजूद खनिजों की अपार संपत्ति
16 साइकी में इतनी अधिक मात्रा में बहुमूल्य धातुएं पाई जाती हैं कि अगर इसे धरती पर लाया जाए तो इसका सोना और अन्य धातुएं धरती की पूरी 8 अरब आबादी को अरबपति बना सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि इसका पूरा सोना धरती पर बांट दिया जाए, तो हर व्यक्ति को लगभग $93 बिलियन (लगभग 763 अरब रुपये) का धन मिल सकता है।
नासा का साइकी मिशन
क्षुद्रग्रह 16 साइकी के अध्ययन के लिए नासा ने 13 अक्टूबर 2023 को एक विशेष मिशन लॉन्च किया है। यह मिशन साइकी की संरचना और उसमें मौजूद धातुओं के भंडार का गहराई से अध्ययन करेगा। इस मिशन के तहत नासा का अंतरिक्ष यान जुलाई 2029 तक साइकी की कक्षा में पहुंच जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य साइकी पर मौजूद धातुओं की मात्रा, उनकी संरचना और उनकी उपयोगिता का अध्ययन करना है।
क्यों है 16 साइकी का अध्ययन महत्वपूर्ण?
16 साइकी का अध्ययन न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस तरह के क्षुद्रग्रहों के अध्ययन से वैज्ञानिक भविष्य में अंतरिक्ष में मौजूद संसाधनों का उपयोग करने के तरीकों पर विचार कर सकते हैं। साइकी जैसे क्षुद्रग्रहों से धातुओं का खनन करना भविष्य में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है, जो पृथ्वी की सीमित धातुओं की समस्या को हल करने में सहायक हो सकता है।