Teacher News: 'अब कुत्ते गिनना ही बाकी था': शिक्षकों को मिली अनोखी ड्यूटी, शिक्षा जगत में मचा हड़कंप

शिक्षकों को आवारा कुत्तों की गिनती करने का आदेश दिया गया है.बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) नवीन पाठक ने इस आदेश को लागू करते हुए जिले के शहरी क्षेत्रों में 250 शिक्षकों को नोडल अधिकारी नामित किया है.

Teacher News: 'अब कुत्ते गिनना ही बाकी था': शिक्षकों को मिली
Teacher News: 'अब कुत्ते गिनना ही बाकी था': शिक्षकों को मिली अनोखी ड्यूटी, शिक्षा जगत में मचा हड़कंप- फोटो : NEWS 4 NATION

सुप्रीम कोर्ट के 7 नवंबर 2025 के निर्देशों के अनुपालन में सरकार ने शिक्षकों को एक अजीबोगरीब ड्यूटी सौंपी है। बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) नवीन पाठक ने आदेश जारी किया है कि जिले के शहरी क्षेत्रों में 250 शिक्षक नोडल अधिकारी के रूप में आवारा कुत्तों की गणना करेंगे। इन शिक्षकों को अपने संबंधित क्षेत्रों में घूमने वाले कुत्तों की संख्या गिनकर उसे गूगल शीट पर अपलोड करना होगा।


13 नगर निकायों में तैनात हुए नोडल शिक्षक

यह आदेश नगर पालिका परिषद बाराबंकी सहित जिले की 13 नगर पंचायतों (जैसे सतरिख, जैदपुर, फतेहपुर, देवा, और हैदरगढ़) में लागू किया गया है। सरकारी और निजी स्कूलों के एक-एक शिक्षक को इस काम के लिए नामित किया गया है। इतना ही नहीं, इन शिक्षकों के नाम और मोबाइल नंबर स्कूल के गेट पर प्रदर्शित किए जाएंगे। यदि क्षेत्र में किसी बच्चे को कुत्ता काटता है, तो यह उस शिक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वह बच्चे को तत्काल अस्पताल ले जाकर रेबीज का इंजेक्शन और इलाज सुनिश्चित कराए।

शिक्षक संघ ने जताई कड़ी आपत्ति और नाराजगी

उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश के सामने आते ही शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षा संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने इसे "मर्यादा गिराने वाला आदेश" करार दिया है। उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिक्षकों से पहले ही बीएलओ (BLO), एसआईआर (SIR) और दवा पिलाने जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य कराए जा रहे हैं। संघ का तर्क है कि शिक्षकों का मूल काम पढ़ाना है, न कि गलियों में घूमकर कुत्ते खोजना।

सफाई कर्मियों से काम कराने की मांग और बहिष्कार की चेतावनी

शिक्षक संघ ने सवाल उठाया है कि सरकार के पास सफाई कर्मचारियों और अन्य फील्ड स्टाफ की बड़ी फौज है, तो फिर शिक्षकों को इस काम में क्यों लगाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शिक्षक घर-घर जाकर कुत्ते गिनेंगे, तो बच्चों की पढ़ाई का भारी नुकसान होगा। संघ ने साफ चेतावनी दी है कि वे इस "हास्यपूर्ण" आदेश का पालन नहीं करेंगे और अपनी गरिमा की रक्षा के लिए विरोध जारी रखेंगे। शासन स्तर पर इस पूरी प्रक्रिया की समीक्षा 31 दिसंबर को होनी है।