UP Politics: जेल से छूटने के बाद सपा अध्‍यक्ष को लेकर पहली बार आई आजम खान की प्रतिक्रिया, मैं छोटा आदमी हूं...

UP Politics: जेल से छूटने के बाद सपा अध्‍यक्ष को लेकर पहली ब

रामपुर: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान आखिरकार 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए। रिहाई के बाद वह सीधे रामपुर स्थित अपने घर पहुंचे, जहां उनके समर्थकों में खुशी का माहौल देखने को मिला। लंबे समय बाद घर लौटे आजम खान ने मीडिया से बातचीत की और अपनी पहली प्रतिक्रिया दी।


मैं आज भी छोटा आदमी हूं

आजम खान ने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद उन्हें अभी सोचने का मौका भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा पहले मैं 27 महीने जेल में रहा था, तब भी छोटा सा आदमी था। अब चार महीने कम 23 महीने जेल में रहा, तब भी छोटा सा आदमी हूं। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात करना उनके लिए सम्मान की बात होगी। अखिलेश यादव बड़ी पार्टी के बड़े नेता हैं। अगर वो मेरे जैसे छोटे आदमी से बात करेंगे तो ये उनका बड़प्पन होगा।"


हम बिकाऊ माल नहीं हैं

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की अटकलों पर आजम खान ने साफ कहा मेरे पास चरित्र नाम की चीज है। इसका मतलब ये नहीं कि हमारे पास पार्टी का कोई बाद है। हमने साबित किया है कि हम बिकाऊ माल नहीं हैं। हमें बस लोगों का प्यार और इज्जत चाहिए।


अखिलेश से दूरी के सवाल पर जवाब

जब उनसे अखिलेश यादव से दूरी को लेकर सवाल किया गया तो आजम खान ने मीडिया से कहा आप आग मत लगाइए।" फोन पर बातचीत को लेकर उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा मुझे सिर्फ एक नंबर याद था, वो मेरी बीवी का था। जेल में इतने साल रहने के बाद वो भी भूल गया। 5 साल में मोबाइल चलाना भी भूल गया हूं।


एचटी हसन को लेकर बयान

आजम खान से जब एचटी हसन के बयान पर सवाल किया गया कि वह मिलने नहीं जाएंगे, बल्कि बुलाएंगे तो ही जाएंगे, इस पर उन्होंने कहा—

"मेरी हैसियत नहीं है। वो मेरे बड़े भाई हैं। मैं तो अपने यहां ही टिकट नहीं दिलवा सका, उनका टिकट कैसे कटवा सकता हूं। वो हमारे लीडर हैं।"


रामपुर और सैफई के बीच सब ठीक है

रामपुर और सैफई (सपा परिवार) के बीच रिश्तों पर सवाल पूछे जाने पर भी आजम खान ने कहा— "आप आग मत लगाइए। सब ठीक है।"


समर्थकों में खुशी

आजम खान की रिहाई की खबर मिलते ही रामपुर में समर्थकों में उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में लोग उनका स्वागत करने पहुंचे। उनके घर के बाहर जश्न का माहौल था।