What is I Love Mohammad controversy: क्या है 'I Love Mohammad'? कानपुर उठी आग उत्तराखंड तक पहुंच गई, मामले की डिटेल जानिए

कानपुर: कानपुर में बारावफात यानी ईद मिलादुन्नबी के मौके पर लगे "I Love Mohammad" लाइट बोर्ड को लेकर शुरू हुआ विवाद अब उत्तर प्रदेश के कई जिलों और उत्तराखंड तक पहुंच गया है। कई जगह विरोध प्रदर्शन, गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई देखने को मिली है।
उत्तराखंड में भी भड़की आग
कानपुर से उठे इस विवाद की लपटें उत्तराखंड तक पहुंचीं। काशीपुर में बिना अनुमति "I Love Mohammad" जुलूस निकाला गया। इस दौरान बवाल हुआ और पुलिसकर्मियों पर हमला कर उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। वाहनों में तोड़फोड़ भी हुई। इसके बाद धामी सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए बुलडोजर कार्रवाई की. मामले में तीन नामजद और करीब 500 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस वीडियो फुटेज से आरोपियों की पहचान कर रही है।
गंगाघाट में तनावपूर्ण हालात
उन्नाव जिले के गंगाघाट क्षेत्र में भी रविवार शाम तनाव बढ़ गया। यहां लोग "I Love Mohammad" बोर्ड के समर्थन में विरोध मार्च निकाल रहे थे। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो नारेबाजी और धक्का-मुक्की होने लगी। हालात बिगड़ते देख अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। पुलिस ने आठ नामजद और कई अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया है, जिनमें से पांच गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
4 सितंबर को कानपुर के मोहल्ला सैयद नगर में लगाए गए "I Love Mohammad" लाइट बोर्ड से विवाद की शुरुआत हुई। एक समुदाय ने इस पर आपत्ति जताई, जबकि स्थानीय लोग बोर्ड हटाने से मना कर रहे थे। अधिकारियों के हस्तक्षेप से बोर्ड हटाया गया और स्थिति काबू में आई। लेकिन अगले ही दिन रावतपुर गांव में बारावफात जुलूस के दौरान धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने और नए बैनर लगाने की कोशिश से तनाव दोबारा भड़क गया। इसके बाद 10 सितंबर को कानपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
पुलिस का बयान
कानपुर के एडीसीपी कपिल देव सिंह के अनुसार, एफआईआर इसलिए दर्ज हुई क्योंकि बारावफात जुलूस में पारंपरिक तरीकों से हटकर नई प्रथाओं को शामिल किया गया था, जिस पर आपत्ति उठी। अन्य जिलों की पुलिस ने भी साफ कहा है कि बिना अनुमति निकाले गए किसी भी जुलूस या प्रदर्शन पर सख्त कार्रवाई होगी। सीसीटीवी और वीडियो क्लिप्स से लोगों की पहचान की जा रही है।
अलर्ट मोड पर यूपी पुलिस
पुलिस का कहना है कि पत्थरबाजी और हिंसा में शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाया जाएगा। विवाद अब सिर्फ कानपुर तक सीमित नहीं रहा बल्कि प्रदेश के कई हिस्सों में तनाव का कारण बन गया है। यूपी पुलिस पूरे मामले पर अलर्ट मोड में है।