Crime News: आधी रात का फ़िलॉस्फर चोर, सत्य की तलाश या अलमारी का सरप्राइज? पुलिस के पकड़ने के बाद शुरू हुआ ड्रामा
Crime News: आधी रात को एक नौजवान, चुपके से एक मकान की पिछली दीवार लाँघकर भीतर घुसने की कोशिश कर रहा था।सबको उम्मीद थी कि यह कोई शातिर चोर निकलेगा, पर असली ड्रामा तो पुलिस पकड़ने के बाद शुरू हुआ।
Crime News: रात का सन्नाटा, ऊपर से अचानक होती हलचल लेकिन उसकी किस्मत से घर का पालतू कुत्ता शेरू जगा हुआ था। कुत्ते ने भौंक कर घरवालों को अलर्ट कर दिया। हड़बड़ी मच गई, लोग बाहर निकले, पड़ोसी इकठ्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दे दी गई।उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस से लेकर आम लोगों तक को हैरान–परेशान कर दिया है। विशुनपुरा थाना क्षेत्र के ठाड़ीभार गाँव में आधी रात को एक नौजवान, चुपके से एक मकान की पिछली दीवार लाँघकर भीतर घुसने की कोशिश कर रहा था।सबको उम्मीद थी कि यह कोई शातिर चोर निकलेगा, पर असली ड्रामा तो पुलिस पकड़ने के बाद शुरू हुआ। युवक न डर रहा था, न भाग रहा था। पुलिस ने पूछा कि आधी रात को यहां क्या कर रहे हो? चोरी करने आए थे?
युवक ने न एक पल सोचा, न घबराया… बोला कि नहीं साहब, मैं तो सत्य की खोज में निकला हूँ। मैं फ़िलॉस्फ़र हूँ। रात की तन्हाई में सच सामने आता है।
पुलिसवाले एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। घरवाले अवाक। कोई हँसने लगा, कोई शक में पड़ गया। जब युवक की तलाशी ली गई, तो उसके बैग से कोई हथियार, कोई ताला तोड़ने का सामान नहीं — बल्कि एक छोटी टॉर्च, पानी की बोतल, दो बिस्कुट के पैकेट और एक डायरी निकली। डायरी में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था कि सत्य वह है जो अंधेरे में भी चमकता है,मनुष्य का अंतिम लक्ष्य सत्य की खोज है।
युवक का दावा था कि वह गाँव–गाँव घूमकर सत्य का प्रकाश फैला रहा है। रास्ता बंद मिला तो दीवार फांदकर आगे बढ़ गया। पर गाँव वाले इस सत्यवाद’ पर यक़ीन करने को तैयार नहीं थे। घर के मालिक बोले कि अगर शेरू ने वक्त पर आवाज़ न लगाई होती, तो साहब जी शायद हमारी अलमारी ही खोल रहे होते। अब भला सत्य की खोज के लिए किसी और के आंगन में कूदना कौन-सा फ़िलॉस्फ़ी है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक की मानसिक हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी। लेकिन पुलिस ने मामला हल्के में नहीं लिया। अंतिम तौर पर घरवालों की शिकायत पर युवक को घर में घुसने और चोरी की नीयत के शक में हिरासत में भेज दिया गया।
कुल मिलाकर, कुशीनगर की यह घटना गंभीर भी है और फनी भी। लोग कह रहे हैं कि अगर यही हाल रहा तो कल को चोर पकड़ने पर हर डकैत बोलेगा कि हुज़ूर, हम तो इंसानी लालच का अध्ययन कर रहे थे… यह भी एक रिसर्च है!
इस रात की सत्य यात्रा का अंत पुलिस की जीप में हुआ, लेकिन गाँव वाले आज भी हँसते हुए कह रहे हैंसत्य की किरण तो नहीं मिली, पर एक नया किस्सा जरूर मिल गया!