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छठ पर्व: लखनऊ से बिहार की ट्रेनें फुल, घर जाने से पहले जान लें बस और ट्रेनों का हाल

छठ पर्व: लखनऊ से बिहार की ट्रेनें फुल, घर जाने से पहले जान लें बस और ट्रेनों का हाल

UP NEWS: अगर आप छठ पर्व पर घर जाना चाह रहे हैं तो जरा ठहर जाइए लखनऊ से बिहार के लिए चलने वाली सभी ट्रेनें फुल है ट्रेनों में लंबी वेटिंग है। आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। छठ पर्व के अवसर पर लखनऊ से बिहार के जिलों गया, सीवान, दरभंगा, पटना आदि में अपने घर लौटने वाले लोगों के लिए यात्रा चुनौतीपूर्ण हो गई है। ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट 160 तक पहुँच चुकी है, जबकि हवाई जहाज का किराया भी बढ़कर 30,634 रुपये तक पहुँच गया है।


बढ़ती भीड़ के कारण ट्रेनों में सीटें फुल

छठ पर्व 7 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसको देखते हुए लखनऊ से बिहार जाने वाले यात्रियों की भीड़ रेलवे स्टेशनों पर उमड़ने लगी है। लेकिन गया, बेगूसराय, पटना, दरभंगा जैसे बिहार के प्रमुख जिलों में जाने वाली ट्रेनों की सभी सीटें पहले से ही फुल हैं। एसी और स्लीपर कोच दोनों में भारी वेटिंग लिस्ट दर्ज की गई है, जिससे सीट मिलने की संभावना बेहद कम है।


यूपी के अन्य जिलों में भी स्थिति तनावपूर्ण

लखनऊ से गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, बलिया जैसे उत्तर प्रदेश के जिलों की ओर जाने वाली ट्रेनों में भी सीटें खाली नहीं हैं। इन ट्रेनों में भी भीड़ अधिक है, लेकिन रोडवेज प्रशासन ने यात्रियों की सहूलियत के लिए लखनऊ के चारबाग, अवध, आलमबाग और कैसरबाग बस अड्डों से अतिरिक्त 125 बसें चलाने का प्रबंध किया है।


रेल मंत्रालय ने दी जानकारी

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, लखनऊ से दरभंगा जाने वाली बिहार संपर्कक्रांति एक्सप्रेस में 4, 5, और 6 नवंबर को स्लीपर और थर्ड एसी की वेटिंग क्रमशः 37, 39, और 25 व 21, 20, और 29 तक पहुँच चुकी है। वहीं, नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस और गोमतीनगर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी स्थिति समान है। गोमतीनगर एक्सप्रेस की स्लीपर क्लास में वेटिंग लिस्ट 93, 89, और 72 है, जबकि थर्ड एसी में 26, 33, और 28 वेटिंग लिस्ट चल रही है।


4 से 6 नवंबर तक प्रमुख ट्रेनों की स्थिति

लखनऊ से बेगूसराय: वैशाली एक्सप्रेस में लंबी वेटिंग।

लखनऊ से पटना: वंदेभारत एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस और पंजाब मेल में सीटें फुल।

लखनऊ से गया: दून एक्सप्रेस, कोलकाता एक्सप्रेस और दुर्गियाना एक्सप्रेस भी फुल।

यात्रा में कठिनाई के बावजूद, यात्री अपने घरों को लौटने के प्रयास में जुटे हुए हैं।

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