UP weather: उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज नए साल में अलग ही अंदाज में दिखने लगा है सुबह से ही घने कोहरे के साथ हल्की हवा चलना शुरू हो गया है। बाहर निकालने के बाद सड़कों पर दूर का तो छोड़िए नजदीक से भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है लोग घरों से बहुत जरूरी काम होने के बाद ही निकल रहे हैं। बीते चार-पांच दिनों से उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है शीत लहर का प्रकोप लगातार जारी है नगर निगम जगह-जगह अलाव की व्यवस्था कर रहा है सुबह शाम छोड़िए दिन भर कोहरा छाए रह रहा है हालांकि दोपहर में हल्की धूप निकलने से लोगों को राहत महसूस हो रही है लेकिन शाम होते होते फिर गलन बढ़ जा रही है।
शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 18.7 डिग्री दर्ज किया गया था जो की सामान्य से 4.2 डिग्री कम था वहीं न्यूनतम तापमान भी लगातार दूसरे दिन 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा हालांकि दोपहर 12:00 के बाद हल्की धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन फिर शाम होते-होते सर्दी का सितम जारी रहा मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में मौसम का मिजाज और बदलने वाला है कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है।
ठंड के मौसम में पारा गिरने से बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज और बाल रोग विशेषज्ञों की ओपीडी में बड़ी संख्या में बच्चे निमोनिया और कोल्ड अटैक के लक्षणों के साथ आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों और शिशुओं में यह समस्या और अधिक गंभीर हो रही है।
निमोनिया के बढ़ते मामले
निमोनिया के मरीजों की संख्या ठंड बढ़ने के साथ दोगुनी हो गई है. बच्चों की नलिकाएं (एयरवे) बहुत संकरी होती हैं, जो ठंड के कारण और सिकुड़ जाती हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और पसलियां तेजी से चलने लगती हैं। गंभीर मामलों में बच्चों को 10-12 दिन तक अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। शहर के 150 से अधिक बाल रोग विशेषज्ञों की ओपीडी में करीब 50% मामले निमोनिया के हैं।
हाइपोथर्मिया का खतरा
पारा गिरने से कोल्ड अटैक के कारण हाइपोथर्मिया (शरीर के तापमान का सामान्य से कम हो जाना) के मामले बढ़ गए हैं।
लगभग 20% बच्चे हाइपोथर्मिया से प्रभावित हैं।