DESK: गंगा के घाट पर हो रहे एक सरकारी कार्यक्रम में मुस्लिम विधायक के आने से भारी हंगामा शुरु हो गया। तीन मुस्लिम विधायकों को कार्यक्रम में बुलाया गया था। जिसके बाद गंगा किनारे ही बवाल खड़ा हो गया। घाट का प्रबंधन करने वाली संस्था गंगा सभा की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई। गंगा सभा ने कहा कि इन विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था।
दरअसल, यह मामला उत्तराखंड के हरिद्वार का है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की ओर से हर-की-पौड़ी घाट पर राज्य की स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था। हर-की-पौड़ी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और लाइट शो का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में तीन मुस्लिम विधायकों को बुलाया गया था।
कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत कई अन्य बीजेपी नेता मौजूद थे। वहीं हरिद्वार जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल के तहत पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद, मंगलौर से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन और लक्सर से बसपा सांसद मोहम्मद शहजाद को आमंत्रित किया था, हालांकि कोई भी विधायक इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
बता दें कि, गंगा सभा संस्था ने इन विधायकों को बुलाए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था क्योंकि लंबे समय से गैर -हिंदुओं को घाट पर प्रवेश की अनुमति नहीं है और अंग्रेजों ने भी इसके लिए हरिद्वार अधिनियम 1935 के तहत एक नियम बना दिया था। वहीं बजरंग दल ने भी इस कार्यक्रम में मुस्लिम विधायकों को बुलाए जाने का विरोध किया था।