West Bengal Election : टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने नई पार्टी बनाने का किया ऐलान, इस दल के साथ मिलकर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

West Bengal Election : बाबरी मस्जिद के शिलान्यास के बाद टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. जो इस दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे......पढ़िए आगे

नई पार्टी का ऐलान
नई पार्टी का ऐलान - फोटो : SOCIAL MEDIA

N4N DESK : तृणमूल कांग्रेस (TMC) के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही, उन्होंने आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है। कबीर को हाल ही में टीएमसी ने "सांप्रदायिक राजनीति" में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया था, लेकिन अब उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है, जो बंगाल की राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

कबीर सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रेजीनगर में अयोध्या की बाबरी मस्जिद के मॉडल पर आधारित एक मस्जिद की नींव रखी। यह कार्यक्रम 6 दिसंबर को आयोजित किया गया था, जो कि 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने की तारीख है। इस संवेदनशील तिथि के चयन को लेकर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिसने इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा दिया।

रेजीनगर में आयोजित इस कार्यक्रम के लिए राज्य पुलिस, त्वरित कार्रवाई बल (RAF) और केंद्रीय बलों की भारी तैनाती की गई थी। हुमायूं कबीर ने मौलवियों के साथ मिलकर एक विशाल मंच पर औपचारिक फीता काटा, जबकि वास्तविक मस्जिद निर्माण स्थल आयोजन स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर था। इस दौरान "नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर" के नारे लगे और हजारों की संख्या में लोग सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर उमड़ पड़े। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में भारी उत्साह देखा गया, और उनमें से कई लोग प्रतीकात्मक रूप से अपने सिर पर ईंट लिए हुए थे। हुमायूं कबीर ने इस विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए अपने कदम का बचाव किया। उन्होंने कहा, "मैं कुछ भी असंवैधानिक नहीं कर रहा हूं। उपासना स्थल बनाना एक संवैधानिक अधिकार है। बाबरी मस्जिद बनायी जाएगी।" उन्होंने यह भी दावा किया कि इस कार्यक्रम में करीब चार लाख लोग शामिल हुए थे, जो उनके जनसमर्थन को दर्शाता है।

हुमायूं कबीर द्वारा नई पार्टी का गठन और AIMIM के साथ संभावित गठबंधन का ऐलान पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। मुर्शिदाबाद जैसे मुस्लिम बहुल जिले में इस तरह के धार्मिक और राजनीतिक आयोजन ने न सिर्फ टीएमसी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है, बल्कि आगामी चुनावों में मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की संभावना को भी बल दिया है। इस घटनाक्रम से राज्य की मुख्य पार्टियाँ, जिनमें टीएमसी और भाजपा शामिल हैं, अपनी चुनावी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर हो सकती हैं।