डगमग डगमग डोली धरती, 6.9 तीव्रता के भूकंप से 60 की मौत, पुल टूटे, अस्पतालों में हाहाकार

6.9 तीव्रता का भूकंप भारी तबाही मचा गया।शक्तिशाली झटकों से अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग घायल हैं।

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, 6.9 तीव्रता के भूकंप से 60 की मौत- फोटो : social Media

Earthquake: मंगलवार रात को आया 6.9 तीव्रता का भूकंप भारी तबाही मचा गया। फिलीपींस के सेबू प्रांत में  शक्तिशाली झटकों से अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग घायल हैं। स्थानीय प्रशासन ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। राहत एवं बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

भूकंप का केंद्र बोगो शहर था, जहां सबसे अधिक तबाही दर्ज की गई। स्थानीय समाचार पत्र सनस्टार सेबू के अनुसार, बोगो में 13 लोगों की मौत हुई, जबकि उत्तरी सेबू के सैन रेमिगियो शहर में चार अन्य लोगों की जान गई। कई इमारतें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए। सेबू के मेडेलिन नगरपालिका ने जानकारी दी कि दो बड़े पुल टूट गए, जिससे यातायात बाधित है।

भूकंप पीड़ितों का इलाज सेबू प्रांतीय अस्पताल (बोगो) में किया जा रहा है। बड़ी संख्या में घायलों के पहुंचने से स्वास्थ्यकर्मियों पर जबरदस्त दबाव बढ़ गया है। डॉक्टर और नर्सें लगातार आपातकालीन सेवाएं दे रहे हैं।

फिलीपीन ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान (PHIVOLCS) ने शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 6.7 बताई थी, लेकिन बाद में इसे 6.9 संशोधित किया। यह भूकंप बोगो शहर से 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, केवल 5 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे झटके और ज्यादा खतरनाक साबित हुए।

भूकंप का असर केवल सेबू तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों और यहां तक कि दक्षिणी फिलीपींस के कुछ इलाकों में भी महसूस किया गया। कई गांवों की सड़कें टूट गईं, जिससे राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

झटकों के कारण बिजली की लाइनें टूट गईं और सेबू सहित आसपास के द्वीप अंधेरे में डूब गए। हालांकि, राष्ट्रीय ग्रिड निगम ने कहा कि आधी रात के बाद बिजली बहाल कर दी गई।

सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें। राहत दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले घंटों में आफ्टरशॉक आ सकते हैं।

यह भूकंप फिलीपींस के इतिहास में हाल के वर्षों की सबसे भयावह आपदाओं में गिना जा रहा है, जिसने सेबू प्रांत को गहरे संकट में धकेल दिया है।