Bihar Land Survey: डीएम ने 4 CO को नापा, वेतन रोका गया..अधिकारियों में हड़कंप
डीएम ने भूमि से जुड़े कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक में पाया गया कि "परिमार्जन प्लस" योजना के तहत कई आवेदन लंबित पड़े हैं। इस लापरवाही पर डीएम ने कई कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है।
Bihar Land Survey: परिमार्जन प्लस और दाखिल-खारिज मामलों में लापरवाही बरतने वाले पर डीएम ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चार अंचलाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दिया है। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में भूमि संबंधी मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। बैठक में परिमार्जन प्लस और दाखिल-खारिज सहित विभिन्न भूमि संबंधी मामलों की समीक्षा की गई।
परिमार्जन प्लस और दाखिल-खारिज मामलों में लंबित आवेदन
समीक्षा में पाया गया कि परिमार्जन प्लस के 200 से अधिक आवेदन और दाखिल-खारिज के 50 से अधिक आवेदन विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। इस पर गंभीरता से चिंतित जिलाधिकारी ने संबंधित कर्मचारियों का वेतन रोका है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। यदि एक सप्ताह के अंदर इन मामलों का निस्तारण नहीं होता है तो संबंधित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा।
अंचलाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल
कटरा, मोतीपुर, मीनापुर और कांटी के अंचलाधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज मामलों को लंबित रखने पर भी जिलाधिकारी नाराज हुए हैं। उन्होंने इन अंचलाधिकारियों का भी वेतन रोका है और स्पष्टीकरण मांगा है।
अन्य मामलों में भी खराब प्रदर्शन
परिमार्जन प्लस की आंचलवार समीक्षा में पाया गया कि साहेबगंज, मोतीपुर, कांटी और कटरा अंचलों का प्रदर्शन बेहद खराब है। आधार सीडिंग में कांटी अंचल के हल्का धमौली रामनाथ पश्चिमी के राजस्व कर्मचारी का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा है।
नवंबर अंत तक लक्ष्य हासिल करना अनिवार्य
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी नवंबर के अंत तक निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करें, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
जनता की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें और भूमि संबंधी मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें।