उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ 36 घंटे का निर्जला महाव्रत छठ का समापन,आस्था का महासैलाब बिहार के विभिन्न घाटों पर उमड़ा..
BANKA - बांका में लोक आस्था का महापर्व छठ बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य देने का साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ आज से खत्म हो गया. छठ व्रतियों ने जिले के अलग-अलग पोखरों नदी ,तथा अन्य छठ घाटों में उगते सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया।
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य के पहली किरण को अर्घ्य देकर पूजा का समापन किया। छठ व्रति महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भाव भक्ति और श्रद्धा के साथ यह पर्व मनाया। छठ महापर्व पर महिलाएं पुत्र प्राप्ति सुख समृद्धि तथा परिवार कल्याण के लिए प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की उपासना करती हैं।. यह महापर्व नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ था। वहीं आज के दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व छठ को समाप्त किया गया। हजारों की संख्या में श्रद्धालु की भीड़ सुबह से ही छठ घाट पर उपस्थित थे।
यह पर्व बांका जिले शहरी क्षेत्रों के अलावा अमरपुर, कटोरिया, बौसी चांदन, रजौन सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में भी कई छठ घाट पर मनाया जाता है।कुछ खतरनाक घाटों पर जिला प्रशासन की ओर से सभी व्यवस्था की गई थी वहीं, कुछ जगहों पर बड़े-बड़े तोरण द्वार, विशाल पंडाल और भगवान भाष्कर की मूर्ति को भी लगाया गया था।.
अंतिम दिन बौसी के मंदार पाप हरनी बांका के चांदन एम आर डी घाट और अमरपुर के चनसार पोखर घाट, पैनिया नाथ घाट आदि घाटों पर अधिक भीड़ होती हुई। जिसके साथ किसी भी प्रकार की घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद थी। जगह-जगह चौक चौराहा पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी। महिलाएं सज धज कर सुबह से ही छठ घाट पर भारी संख्या में पहुंची थी। पूरे छठ घाट पर भक्ति गीतों से भक्ति मय माहौल हो गया था। शांति पूर्ण तरीके से जिले का महापर्व छठ संपन्न हुआ।
बांका से चंद्रशेखर कुमार की रिपोर्ट।