बेगूसराय के मध्य विद्यालय की कहानी पढ़ आपको भी होगा गर्व, जानें एक प्रिसिंपल ने कर दिया काया पलट

बेगूसराय के बीहट मध्य विद्यालय ने प्रधानाध्यापक रंजन कुमार के नेतृत्व में एक प्रेरणादायक बदलाव की यात्रा तय की है। जानें कैसे एक स्कूल ने दुर्दशा से सफलता की ओर कदम बढ़ाया।

बेगूसराय के मध्य विद्यालय की कहानी पढ़ आपको भी होगा गर्व, जानें एक प्रिसिंपल ने कर दिया काया पलट
बेगूसराय के मध्य विद्यालय की कहानी- फोटो : freepik

Begusarai success story: बेगूसराय के बीहट नगर परिषद में स्थित मध्य विद्यालय बीहट की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी। स्वतंत्रता से पहले स्थापित इस विद्यालय को स्थानीय लोगों ने अपनी जमीन, धन और श्रम से बनाया था। यह चार दशकों तक शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा, लेकिन वर्ष 2000 के बाद इसकी हालत बिगड़ने लगी। विद्यालय के भवन जर्जर हो गए और छात्रों की संख्या घटने लगी।

बदलाव की शुरुआत

मई 2016 में रंजन कुमार ने प्रधानाध्यापक के रूप में विद्यालय का कार्यभार संभाला। उस समय विद्यालय बदहाली के दौर से गुजर रहा था। छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद टूट चुका था, और समुदाय का विद्यालय से संबंध लगभग खत्म हो गया था। रंजन कुमार ने इस स्थिति को सुधारने के लिए सामुदायिक सहभागिता और शिक्षकों की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

सुधार की दिशा में कदम

रंजन कुमार ने छात्रों, शिक्षकों और समुदाय के बीच संवाद शुरू किया। श्रमदान, आर्थिक अनुदान और सरकारी मदद से विद्यालय की स्थिति में सुधार किया गया। विभिन्न संस्थाओं और स्थानीय लोगों के सहयोग से विद्यालय में शौचालय, पेयजल, मल्टीमीडिया क्लास, कंप्यूटर प्रशिक्षण और खेल-कूद की सुविधाएं जुटाई गईं। 2016 से 2023 के बीच विद्यालय में छात्रों की संख्या 577 से बढ़कर 837 हो गई, और ड्रापआउट दर लगभग शून्य हो गई।

विद्यालय की उपलब्धियां

बिहार उत्कृष्ट किलकारी बालकेंद्र विद्यालय पुरस्कार

डीएम बेगूसराय द्वारा श्रेष्ठ विद्यालय प्रबंधन पुरस्कार

बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार (दो बार)

नेशनल चिल्ड्रन क्लाइमेट कान्फ्रेंस बेस्ट प्रेजेंटर अवार्ड

नेशनल बाल बैडमिंटन चैंपियनशिप (ब्रांज मेडल)

राष्ट्रीय मेधा छात्रवृत्ति में अनुराग का चयन

वालीबाल, टेबल टेनिस, सेपक टकरा एवं कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर पर चयन

शिक्षा विभाग द्वारा सर्वश्रेष्ठ सम्मान राजकीय शिक्षक पुरस्कार

छात्रों की सफलता की कहानियां

अंशु कुमार, राष्ट्रीय सब जूनियर बाल बैडमिंटन खिलाड़ी, बताते हैं कि विद्यालय ने उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर दिया, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता। शुभांगी, छात्रा, बताती हैं कि विद्यालय में खेल, डांस, पेंटिंग और पढ़ाई में अव्वल रहकर उन्हें चिल्ड्रन क्लाइमेट कान्फ्रेंस दिल्ली और आइआइटी बांबे जैसे मंचों पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला।

सहयोग और नेतृत्व की भावना

मध्य विद्यालय, बीहट की यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, सामुदायिक सहयोग और नेतृत्व की भावना से किसी भी संस्था को पुनर्जीवित किया जा सकता है। रंजन कुमार के नेतृत्व में यह विद्यालय आज न केवल शिक्षा का केंद्र बना है, बल्कि अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।


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