Political news - सोवियत रूस के बिचौलिए का काम करते थे 150 सांसद, चुनाव में होती थी फंडिंग, बीजेपी के फायर ब्रांड नेता ने खोल दी देश की सबसे पुरानी पार्टी की पोल
Political news - सोवियत रूस के एजेंट बनकर कांग्रेस के 150 सांसद काम कर रहे थे। जिसके लिए उन्हें रूस से फंडिंग भी कराई जा रही थी. जिसकी जांच होनी चाहिए। यह आरोप बीजेपी सांसद ने लगाया है।
New Delhi - देश के 150 से ज्यादा सांसद सोवियत रूस के एजेंट के लिए काम कर रहे थे। जिनके लिए उन्हें रूस से फंडिंग भी की जाती थी। यह आरोप भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने किया है। उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के 2011 में जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस के दिवंगत नेता हरिकिशल लाल भगत की अगुवाई में 150 से ज्यादा कांग्रेसी सांसदों को रूस से फंडिंग की गई थी।
निशिकांत दुबे ने यह दावा किया है यह सांसद रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उस दौर में रूस ने 16,000 खबरें छपवाकर भारत में अपनी पैठ बनाई थी। इसके साथ ही, रूसी खुफिया एजेंसी के 1100 लोग भारत में मौजूद थे। दावा किया गया कि ये खुफिया रूसी अधिकारी नौकरशाहों, कारोबारी संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और ओपिनियन मेकर को अपनी जेब में रखते थे।
बीजेपी सांसद ने कहा कि उन्होंने ये भी कहा कि रूसी खुफिया एजेंसी के लोग भारत में नौकरशाहों और कारोबारियों को अपने जाल में फंसाकर देश की नीतियों को प्रभावित करते थे। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा है कि कांग्रेसी सांसदों के खिलाफ इसकी जांच होनी चाहिए या नहीं।
कांग्रेस उम्मीदवार ने जर्मन सरकार से लिए लाखों रूपए
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के एक उम्मीदवार सुभद्रा जोशी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सोवियत रूस के दौर में जर्मन सरकार से पांच लाख रुपए लिए थे। हालांकि इसके बाद भी वह चुनाव हार गई। जिसके बाद उन्हें इंडो-जर्मन फोरम का अध्यक्ष बना दिया गया।
बीजेपी सांसद ने कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सुभद्रा जोशी ने सोवियत रूस के दौर में जर्मन सरकार से चुनाव के लिए 5 लाख रुपये लिए थे। चुनाव हारने के बाद वे इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बनीं। दुबे ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस को इन सवालों का जवाब देना चाहिए?
सुभद्रा जोशी पर भी सवाल
बीजेपी सांसद ने कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सुभद्रा जोशी ने सोवियत रूस के दौर में जर्मन सरकार से चुनाव के लिए 5 लाख रुपये लिए थे। चुनाव हारने के बाद वे इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बनीं। दुबे ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस को इन सवालों का जवाब देना चाहिए?
कांग्रेस,करप्सन और ग़ुलामी
1. यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज CIA का 2011 में जारी हुआ
2. इसके अनुसार स्वर्गीय कांग्रेस के बड़े नेता HKL भगत के नेतृत्व में 150 से ज़्यादा कॉंग्रेस के सांसद सोवियत रुस के पैसे पर पलते थे,रुस के लिए दलाली करते थे?
3. पत्रकारों के समूह उनके दलाल थे तथा कुल 16 हज़ार न्यूज़ आर्टिकलों का ज़िक्र है जो रुस ने छपवाए ?
4. लगभग उस जमाने में रुस के जासूसी संस्थानों के 1100 लोग हिंदुस्तान में थे जो नौकरशाही,व्यापारी संगठनों,कम्युनिस्ट पार्टियों,ओपिनियन मेकर को अपने पॉकेट में रखते थे तथा सूचना के साथ भारत की नीति बनाते थे?
5. कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी ने लोकसभा चुनाव में उस वक़्त 5 लाख रुपए लिए जर्मन सरकार से चुनाव के नाम पर,हारने के बाद इंडो जर्मन फोरम की अध्यक्ष बनीं यह देश था या ग़ुलामों,दलालों या बिचौलियों की कठपुतली कांग्रेस इसका जवाब दे,आज इसपर जॉंच हो या नहीं?