Amarnath Yatra 2025: पहलगाम आतंकी हमले का अमरनाथ यात्रा पर दिख रहा असर, रजिस्ट्रेशन में आई इतनी कमी
Amarnath Yatra 2025: कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का असर अमरनाथ यात्रा पर भी पड़ा है. एलजी मनोज सिन्हा ने हाल ही में बताया कि पहलगाम हमले के चलते अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन में गिरावट दर्ज की गई है.
N4N डेस्क: हर साल सैकड़ोंभक्तबाबा बर्फानी के दर्शन के लिएजाते हैं. जिसके लिए महीनों पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. हालांकि अप्रैल के महीने में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद लोगों में यात्रा को लेकर थोड़ा डर भी है, लेकिन प्रशासन की तरफ से सुरक्षित यात्रा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं. इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है. हाल ही में सामने आया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए अटैक का असर यात्रा पर भी पड़ा है.इस बात की तस्दीक करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के कुछ ही महीनों बाद होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन में गिरावट देखी गई है. एलजी ने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रियों की संख्या में गिरवाट का सीधा कनेक्शन पहगलाम अटैक से है.एलजी ने कहा, इससे पहले 2.36 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन इस बार अब तक महज 85,000 ने अपने रजिस्ट्रेशन की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, अगर देखा जाए तो इससे पिछले साल के मुकाबले में इस बार रजिस्ट्रेशन में 10.19 प्रतिशत की गिरावट आएगी.
रजिस्ट्रेशन में आई कमी
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ.हमले में आतंकवादियों ने बेरहमी से निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाकर 26 लोगों की मौत दर्ज की गई. इस हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लिया और ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया. इसकी चर्चा करते हुए एलजी ने कहा कि पहगलाम में हुए दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, रजिस्ट्रेशन में गिरावट देखी गई है, लेकिन यह फिर से बढ़ रही है. हम उन लोगों तक पहुंच रहे हैं जिन्होंने 22 अप्रैल से पहले पंजीकरण कराया था. साथ ही एलजी ने उम्मीद जताते हुए कहा, यह संख्या बढ़ेगी.अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है और 9 अगस्त तक जारी रहेगी. पिछले साल, यात्रा में 12 वर्षों में सबसे ज्यादा भीड़ दर्ज की गई थी, जिसमें 5 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए थे.
सुरक्षा को थ्री लेयर पुख्ता इंतजाम
इस साल सुरक्षा संबंधी चिंताएं ज्यादा होने की वजह से, मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कंपनियों की संख्या बढ़ा दी गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीएपीएफ ने एक अचूक सुरक्षा प्रणाली (Foolproof Security System) स्थापित की है और अमरनाथ गुफा के दोनों मार्गों पर तीन लेवल की सुरक्षा होगी. मॉक ड्रिल भी पूरी हो चुकी है. सिन्हा ने कहा कि पर्यटक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
उन्होंने कहा, मैं जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपाय किए गए हैं. यात्रा के लिए कश्मीर जाने वाले श्रद्धालुओं से अपनी अपील में, सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी श्रद्धालुओं को काफिले के साथ यात्रा करनी चाहिए, यहां तक कि अपनी निजी कारों में यात्रा करने वालों को भी काफिले के साथ यात्रा करनी चाहिए.
नो-फ्लाई जोन घोषित हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक
इस साल की यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाएं शामिल नहीं होंगी क्योंकि क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है. हालांकि, एलजी ने कहा कि सिर्फ 8 प्रतिशत यात्रियों ने ही इस सेवा का इस्तेमाल किया और इससे संख्या पर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. दरअसल, अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए दो मुख्य मार्ग हैं, पारंपरिक पहलगाम मार्ग और छोटा बालटाल मार्ग.उन्होंने कहा कि गुफा तक जाने वाला मार्ग जो पहले लगभग 5 फीट चौड़ा था, अब 12 फीट तक चौड़ा कर दिया गया है और ट्रेक के सभी संवेदनशील स्थानों को संबोधित किया गया है.