Mahakumbh 2025 भगदड़ मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने लिया संज्ञान, तीन फरवरी को होगी सुनवाई

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसपर कल सुनवाई होगी।

Mahakumbh 2025
महाकुंभ भगदड़ की सुनाई करेगी सुप्रीम कोर्ट- फोटो : social Media

Mahakumbh 2025: महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी 2025 को प्रयागराज में एक भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या संगम पर स्नान करने के लिए एकत्रित हुई थी। इस घटना के बाद, अधिवक्ता विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की।इस जनहित याचिका में मुख्य रूप से श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश देने और नियमों का पालन कराने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने केंद्र और सभी राज्यों को पक्षकार बनाते हुए महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए इसे 3 फरवरी 2025 के लिए सूचीबद्ध किया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। याचिका में यह भी कहा गया है कि सभी राज्यों को सुरक्षा संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने और आपात स्थिति में अपने निवासियों की सहायता के लिए प्रयागराज में सुविधा केंद्र स्थापित करने चाहिए।

याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि वीआईपी मूवमेंट से आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्रभावित न हो, उनके लिए कोई खतरा पैदा न हो, और महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों और अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया गया है।

महाकुंभ में भगदड़ की यह पहली घटना नहीं है। 1954 से लेकर अब तक कई बार भगदड़ में श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ की आशंका को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाने चाहिए थे। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस भगदड़ की वजहों का पता लगाया जाना चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय किए जाने चाहिए।

बहरहाल  सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ हादसे से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है, जो कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन कराने पर केंद्रित है।

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