Pahalgam attack: पहलगाम हमले के बाद तिलमिलाए पाकिस्तान की नापाक चाल नाकाम, दाव पड़ा उल्टा ,कड़ी फटकार के बाद बगलें झांकता रहा पाक
Pahalgam attack: UNSC में भारत के खिलाफ झूठ का जाल बुनने की नाकाम कोशिश पाकिस्तान ने की और बदले में जमकर पटकार मिली।
Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इस हमले ने दोनों परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच पहले से ही नाजुक रिश्तों को और भड़का दिया है। तिलमिलाए पाकिस्तान ने अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बंद कमरे में बैठक की मांग की, ताकि वह भारत के खिलाफ अपनी पुरानी रणनीति—झूठ और दुष्प्रचार—को फिर से आजमा सके। लेकिन इस बार पाकिस्तान का दांव उल्टा पड़ गया!
5 मई 2025 को स्थानीय समयानुसार दोपहर में UNSC के 15 सदस्य देशों (5 स्थायी और 10 अस्थायी) ने करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में परामर्श किया। पाकिस्तान, जो वर्तमान में परिषद का अस्थायी सदस्य है, ने भारत के साथ बढ़ते तनाव और "बिगड़ते सुरक्षा माहौल" का हवाला देकर इस बैठक की मांग की थी। लेकिन बैठक में पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया। UNSC सदस्यों ने पाकिस्तान के "झूठे झंडे" के दावों को सिरे से खारिज कर दिया और कड़े सवालों के साथ उसे कठघरे में खड़ा किया।
सूत्रों के अनुसार, परिषद के सदस्यों ने पाकिस्तान से सीधा सवाल किया कि क्या पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों का हाथ है। इस सवाल पर पाकिस्तान के पास कोई ठोस जवाब नहीं था। बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन उसका दुष्प्रचार का एजेंडा बुरी तरह फेल हो गया। डेढ़ घंटे की गहन चर्चा के बाद UNSC की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, जो पाकिस्तान के लिए एक और झटका था।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने बैठक के बाद मीडिया से बात की और दावा किया कि बैठक का मकसद "बिगड़ते सुरक्षा माहौल" पर चर्चा और टकराव से बचने के उपाय ढूंढना था। लेकिन उनकी यह सफाई किसी को रास नहीं आई। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान ने UNSC को एक मंच के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की ताकि वह भारत पर दबाव बना सके और कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर फिर से जिंदा कर सके। हालांकि, UNSC के सदस्यों ने पाकिस्तान की इस चाल को भांप लिया और उसके दावों को गंभीरता से लेने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर, भारत ने इस मामले में अपनी स्थिति को मजबूती से रखा है। भारत ने बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा है और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो-टॉलरेंस नीति जारी रहेगी। पहलगाम हमले को भारत ने सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का एक और उदाहरण बताया है, जिसके लिए वह पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता है। भारत ने UNSC में पाकिस्तान के दुष्प्रचार का जवाब देने के लिए अपने राजनयिक चैनलों को सक्रिय कर दिया है।
पहलगाम हमले और UNSC की बैठक के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव अब वैश्विक सुर्खियों में है। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की यह नाकाम कोशिश उसके अलग-थलग पड़ने का एक और सबूत है। दूसरी ओर, भारत अपनी कूटनीतिक ताकत और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख के साथ वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है। क्या यह तनाव और बढ़ेगा या कोई कूटनीतिक हल निकलेगा? दुनिया की नजरें अब दोनों देशों और UNSC के अगले कदम पर टिकी हैं।
पाकिस्तान ने UNSC को भारत के खिलाफ हथियार बनाने की कोशिश की, लेकिन उसका झूठ का जाल पूरी तरह बेनकाब हो गया। पहलगाम हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकवाद-प्रायोजित एजेंडे को दुनिया के सामने ला दिया है। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आएगा, या भारत के खिलाफ अपनी नापाक चालें जारी रखेगा? यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है!