Terror master: ब्रेन हैमरेज से आतंक के आका की मौत, ISIS के भारतीय सरगना था साकिब नाचन, आतंकी अध्याय का खौफनाक अंत
Terror master:भारत की आतंकी गतिविधियों का एक काला अध्याय शनिवार को उस वक्त थम गया जब प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस के भारतीय ऑपरेशनल प्रमुख और सिमी के पूर्व पदाधिकारी साकिब नाचन की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई।
Terror master: भारत की आतंकी गतिविधियों का एक काला अध्याय शनिवार को उस वक्त थम गया जब प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस के भारतीय ऑपरेशनल प्रमुख और सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के पूर्व पदाधिकारी साकिब नाचन की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई। देश की राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दोपहर करीब 12:10 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। यह खबर आतंकी संगठनों के लिए एक बड़ा झटका है, जबकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, हालांकि कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।
चार दिन तक अस्पताल में मौत से जूझता रहा आतंकी!
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पडघा निवासी नाचन को न्यायिक हिरासत के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद 24 जून को तिहाड़ जेल से दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगातार बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उसे सफदरजंग अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां ब्रेन हैमरेज के बाद उसकी हालत और नाजुक हो गई। चार दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद आखिरकार शनिवार को उसने दम तोड़ दिया।
NIA के ऑपरेशन में गिरफ्त में आया था साकिब नाचन
साकिब नाचन 2023 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा चलाए गए ISIS नेटवर्क पर देशव्यापी अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह उस खतरनाक आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था, जो भारत में ISIS की जड़ें मजबूत करने की साजिश रच रहा था। पडघा स्थित उसके घर से भी भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक सबूत और कट्टर विचारधारा से जुड़ी सामग्री जब्त की गई थी, जो भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उसके मंसूबों को स्पष्ट करती थी।
मुंबई बम धमाकों से लेकर ISIS तक, साकिब का खौफनाक सफर
साकिब नाचन का नाम 2003 के मुंबई सीरियल बम धमाकों से भी जुड़ा रहा है, जिनमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके अलावा, वह वर्षों से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी फंडिंग जैसे संगीन मामलों में भारत की सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। माना जाता है कि भारत में ISIS के फैलाव और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में उसका हाथ सबसे प्रमुख था। उसकी मौत से भारत में ISIS की गतिविधियों को बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।
अंत... लेकिन सवाल कायम: एक आतंकी गिरा... पर खतरा अभी बाकी है!
साकिब नाचन की मौत भले ही एक आतंकी चैप्टर का अंत हो, लेकिन कई गंभीर सवाल अभी भी ज़िंदा हैं: क्या उसके नेटवर्क के बाकी सदस्य अब भी देश में सक्रिय हैं? क्या उसकी मौत से ISIS की भारत में पकड़ खत्म हो जाएगी या यह और खतरनाक मोड़ लेगी?
यह घटना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन यह भी याद दिलाती है कि खतरा अभी टला नहीं है। आतंकियों का एक सरगना भले ही मारा गया हो, पर उसके पीछे का नेटवर्क और विचारधारा अभी भी मौजूद है। इस खतरे से निपटने के लिए निरंतर सतर्कता और कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।