Tirupati Balaji Mandir: तिरुपति बालाजी मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ ट्रस्ट का बड़ा एक्शन, 18 कर्मचारियों को निकाला, दिया अन्य विभागों में ट्रांसफर या फिरवीआरएस का विकल्प
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड ने 18 नवंबर 2024 को आयोजित अपनी बैठक में तिरुमाला श्री बालाजी मंदिर से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने और उन्हें आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। पढ़िए आगे...
Tirupati Balaji Mandir: तिरुपति बालाजी मंदिर, तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित है और इसे विश्व का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। हाल ही में, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसमें उन्होंने 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया है।तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रबंधन निकाय तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने मंदिर के उत्सवों और अनुष्ठानों में भाग लेते समय कथित रूप से गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में संलग्न रहने के लिए 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू के निर्देशों के अनुसार, बोर्ड ने मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के अपने संकल्प का उल्लेख करते हुए उन्हें हटाने का आदेश जारी किया है।
टीटीडी बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ये कर्मचारी धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हुए पाए गए थे जो कि गैर-हिंदू धर्म से संबंधित थीं। टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के लिए केवल हिंदुओं को ही इस संस्थान में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके तहत इन कर्मचारियों को या तो अन्य सरकारी विभागों में ट्रांसफर किया जाएगा या फिर उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का विकल्प दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, ये 18 कर्मचारी पिछली सरकार के कार्यकाल में भर्ती किए गए थे, जब आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार थी। वर्तमान समय में चंद्रबाबू नायडू की सरकार आने के बाद से यह मुद्दा विवाद का विषय बना हुआ था। टीटीडी ने चिंता व्यक्त की थी कि अन्य धार्मिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों का इस तरह से नियुक्त होना मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचा सकता है।
टीटीडी ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में यदि इसी प्रकार के मामले सामने आते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, टीटीडी के नियमों के अनुसार, गैर-हिंदुओं को मंदिर में दर्शन करने से पहले अपनी आस्था घोषित करनी होती है।