कुड़मी समाज का रेल रोककर प्रदर्शन, 100 स्टेशनों को पूरी तरह रेल चक्का जाम कर दिकाई दिखाई, कई ट्रेनें रद्द

आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे (SER) और पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के धनबाद मंडल के अंतर्गत आने वाली ट्रेन सेवाएँ आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।

Rail Roko- फोटो : news4nation

Rail News : अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अपनी माँग को लेकर आदिवासी कुडमी समाज ने शनिवार को विभिन्न स्टेशनों ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन किया गया। इससे कई ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ। झारखंड के विभिन्न स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन से राज्य में रेल सेवाएं आंशिक रूप से बाधित हुईं। आदिवासी कुर्मी समाज (AKS) के बैनर तले रांची के राय स्टेशन, गिरिडीह के पारसनाथ और बोकारो जिले के चंद्रपुरा में प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर बैठकर आंदोलन को आवाज दी। वे समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने और कुर्माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अपनी माँग पर ज़ोर दे रहे थे।


रेलवे द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे (SER) और पूर्व मध्य रेलवे (ECR) के धनबाद मंडल के अंतर्गत आने वाली ट्रेन सेवाएँ आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। इसमें कहा गया है, "हटिया-बर्धमान मेमू और टाटानगर-गुआ-टाटानगर मेमू सहित कम से कम तीन ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, एक को बीच में ही रोक दिया गया है और चार को नियंत्रित किया गया है।" अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों को शांत करने और रेलवे ट्रैक खाली कराने की कोशिश कर रहे हैं।


आजसू समेत कई राजनीतिक दलों ने कुर्मियों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। प्रदर्शन को देखते हुए, रांची प्रशासन ने जिले के विभिन्न स्टेशनों के 300 मीटर के दायरे में बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह आदेश मुरी, सिल्ली, खलारी और टाटीसिलवई में शुक्रवार रात 8 बजे से 21 सितंबर सुबह 8 बजे तक प्रभावी रहेगा। पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूम उपखंड के अंतर्गत टाटानगर, गोविंदपुर, राखा माइंस और हल्दीपोखर स्टेशनों पर भी 100 मीटर के दायरे में इसी तरह का आदेश लागू किया गया है।


आदेशों के अनुसार, प्रदर्शन, धरना, पुतला दहन या घेराव, लाठी-डंडे और तीर-धनुष सहित किसी भी प्रकार के हथियार लेकर चलना, शांति भंग करने के इरादे से पाँच या अधिक व्यक्तियों का एकत्र होना और सार्वजनिक भाषण देना प्रतिबंधित है। आदिवासी कुड़मी समाज के सदस्य और कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से रेलवे पटरियों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


डीजीपी अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को पुलिस को सतर्कता बढ़ाने, सुरक्षात्मक उपकरणों के साथ अतिरिक्त बल तैनात करने, संवेदनशील स्टेशनों पर सीसीटीवी और ड्रोन लगाने और आंदोलन के दौरान पथराव रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे पुलिस के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए थे।